Budget Session: संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है. वर्तमान लोकसभा का यह आखिरी सत्र है. कल 1 फरवरी को 2024 का बजट नए संसद में पेश किया जाएगा. सरकार ने अंतरिम बजट को लेकर पूरी तरह से तैयारियां कर ली है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी बजट है, वहीं इसके बाद नई सराकार बनने के बाद नया बजट पेश किया जाएगा.
आखिरी बजट सत्र का आगाज आज से..
वर्तमान लोकसभा के आखिरी बजट सत्र का आगाज आज से हो रहा है. संसद का यह बजट सत्र 9 फरवरी तक चलेगा बजट पेश होने से पहले पूरी आधिकारिक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू होगा. राष्ट्रपति से मंजूरी लेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. बजट को कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने के बाद 11 बजे से ससंद में वित्त मंत्री का बजट भाषण शुरू होगा. जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी.
मुख्य एजेंडा क्या-क्या रहेगा?
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कहा कि सीतारमण जम्मू-कश्मीर के लिए भी बजट पेश करेंगी, जहां राष्ट्रपति शासन है. प्रह्लाद जोशी ने बताया कि 17वीं लोकसभा के 9 फरवरी को समाप्त होने वाले इस संक्षिप्त सत्र में मुख्य एजेंडा क्या-क्या रहेगा. इसमें राष्ट्रपति का अभिभाषण, अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान चर्चा और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जवाब दिया जाएगा. इस बजट सत्र से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक हुई. इस दौरान विपक्षी नेताओं ने कई मुद्दे उठाए.
विपक्षी नेताओं ने किन मुद्दों को उठाया?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुरेश ने कहा कि पार्टी सत्र के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट और जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति का मुद्दा उठाएगी. तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि वित्त मंत्री को अंतरिम बजट में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत पश्चिम बंगाल के बकाये को भी शामिल करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक मुख्यमंत्री को राज्य को केंद्रीय बकाया के समय पर आवंटन की मांग के लिए धरने पर बैठना पड़ा.
कल से कई बड़े बदलाव भी होने जा रहे
कल के दिन संसद में कई बड़े ऐलान होंगे. तो वहीं कल से कई बड़े बदलाव भी होने जा रहे हैं. जिसमें एलपीजी के दाम से लेकर फास्टटैग और IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के नियम तक शामिल हैं, जिनका आम जनता पर सीधा असर होगा.