Union Budget 2025: भारत सरकार आगामी बजट 2025 में मिडिल क्लास को राहत देने के लिए कई बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है। इस बार के बजट में विशेष रूप से आयकर के स्लैब में कुछ सुधार किए जा सकते हैं, जो आम नागरिकों, खासकर मिडिल क्लास के लिए फायदेमंद साबित होंगे। आर्थिक सुधारों और टैक्स राहत की उम्मीदों के बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस शनिवार को बजट पेश करने वाली हैं।
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आठ लाख तक की इनकम पर टैक्स में छूट

इस बार के बजट में सबसे बड़ा बदलाव जो देखा जा सकता है, वह यह है कि आठ लाख तक की सालाना आय पर अब आयकर नहीं लिया जाएगा। इस बदलाव से मिडिल क्लास परिवारों को बड़ी राहत मिल सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार मिडिल क्लास को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है, ताकि बढ़ती महंगाई के दौर में उनका वित्तीय बोझ कम हो सके। इसके परिणामस्वरूप, उपभोक्ता बाजार में खपत बढ़ने की संभावना है, जो कि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और समग्र अर्थव्यवस्था में सुधार ला सकता है।
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25 फीसदी टैक्स रेट का प्रस्ताव

नई टैक्स रिजीम में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का अनुमान है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत सरकार का उद्देश्य न्यू टैक्स रिजीम को और अधिक लाभकारी बनाना है। इसके तहत, आठ लाख तक की वार्षिक आय पर टैक्स नहीं लिया जाएगा। इसके बाद, टैक्सेबल इनकम पर 25 प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है। इस कदम से मिडिल क्लास को बहुत राहत मिल सकती है, खासकर उन लोगों को जो न्यू टैक्स रिजीम के तहत आते हैं। वर्तमान में 72 प्रतिशत लोग न्यू टैक्स रिजीम में शामिल हैं, जबकि केवल 28 प्रतिशत लोग पुराने टैक्स रिजीम के तहत टैक्स भरते हैं।
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बेसिक एग्जंप्शन लिमिट बढ़ाने की संभावना

इस बार के बजट में एक और महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है, वह है बेसिक एग्जंप्शन लिमिट में वृद्धि। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस लिमिट को तीन लाख से बढ़ाकर साढ़े तीन लाख रुपये कर सकती है। इससे मिडिल क्लास को रोजमर्रा की जरूरतों पर खर्च में राहत मिल सकती है। इसके अलावा, आयकर डिडक्शन कैप को पिछले साल के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जा सकता है, जिससे लोगों को और अधिक टैक्स राहत मिल सके।
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एनपीएस में बदलाव की संभावना

इसके अलावा, सरकार एनपीएस (नैशनल पेंशन स्कीम) के तहत डिडक्शन स्लैब में भी बदलाव कर सकती है। वर्तमान में, एनपीएस में सालाना 50,000 रुपये तक के योगदान पर कोई डिडक्शन नहीं है। लेकिन इस बार के बजट में सरकार नॉन सैलरीड क्लास के लिए एनपीएस में डिडक्शन की सीमा बढ़ा सकती है, जो कि पेंशन योजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करेगा।