Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज (1 फरवरी) संसद में भारत का आम बजट 2025 पेश किया। यह उनका लगातार आठवां बजट है, जिसमें विशेष रूप से आम आदमी से लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर तक के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। इस बार के बजट में महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को कई बड़ी राहतें दिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। संसद में बजट पेश होने से पहले एक कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस बजट को आम आदमी और गरीब किसानों के हित में बताया। वित्त मंत्री ने भी बजट की शुरुआत में यह साफ किया कि यह बजट विशेष रूप से गरीब, युवा, किसान और महिलाओं पर केंद्रित है।
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किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ी

बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट को 5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है। इससे पहले यह लिमिट 3 लाख रुपये थी। यह फैसला किसानों को और भी सस्ती ब्याज दर पर लोन प्राप्त करने में मदद करेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि इसके तहत अब तक देश में 7.75 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड धारक हो चुके हैं। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री धनधान्य योजना की घोषणा भी की, जो किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
आर्थिक विकास की दिशा में बजट की योजना
निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और पिछले 10 वर्षों में हम बड़ी इकोनॉमी से तेज गति से आगे बढ़े हैं। इस बजट का ध्यान गरीबों, युवाओं, किसानों, महिलाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य, मैन्युफैक्चरिंग, मेक इन इंडिया, रोजगार और इनोवेशन पर भी है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य ‘विकसित भारत’ बनाने पर केंद्रित है और हम आर्थिक विकास की दिशा में मजबूत कदम उठा रहे हैं।
खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता और कृषि क्षेत्र में सुधार
वित्त मंत्री ने खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए छह साल का मिशन शुरू करने का ऐलान किया। इसके तहत, सरकार ने अगले कुछ वर्षों में खाद्य तेल उत्पादन बढ़ाने और आयात में कमी लाने के लिए कई योजनाओं पर काम करने का प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही, उन्होंने फल और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया।
कृषि और किसान क्रेडिट कार्ड की योजना

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की योजना को 1998 में भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड द्वारा शुरू किया गया था। यह योजना किसानों को सस्ते ब्याज दर पर लोन प्रदान करती है, जिससे उन्हें कृषि कार्यों में सहारा मिलता है। अब तक इसके तहत किसानों को 3 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता था, लेकिन इस बार की घोषणा में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि यह कृषि क्षेत्र के विकास में भी अहम योगदान देगा।
कुल मिलाकर, इस बजट में किसानों, गरीबों, युवाओं और महिलाओं के लिए कई नई योजनाओं और योजनाओं के सुधार का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा, सरकार ने कृषि और खाद्य तेल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की बात की है।