Buddh Purnima 2025: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। सभी पूर्णिमा तिथियों में बुद्ध पूर्णिमा को सबसे अधिक विशेष माना गया है जो कि भगवान बुद्ध को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध जी का जन्म हुआ था। इसी कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा हिंदुओं के साथ साथ बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन स्नान दान व पूजा पाठ करने का विधान होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। तो हम आपको बता रहे हैं कि इस बार बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जाएगी।
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बुद्ध पूर्णिमा की तारीख और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का आरंभ 11 मई को शाम 8 बजकर 1 मिनट पर होगा। वही 12 मई को रात 10 बजकर 25 मिनट पर इस तिथि का समापन हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 6 बजकर 57 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा इस बार 12 मई दिन सोमवार यानी कल मनाई जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन कई दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है, जिससे कि इस दिन का धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। बुद्ध पूर्णिमा पर वरीयान और रवि योग रहेगा। वरीयान योग रातभर रहेगा। तो वहीं रवि योग सुबह 5 बजकर 32 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही बुद्ध पूर्णिमा पर भद्रावास योग भी रहेगा। जो कि सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इस समय भद्रा का वास पाताल पर रहेगा। ऐसे में पूजा पाठ करना शुभ होगा।
पूजा विधि
आपको बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह जल्द उठकर पवित्र नदी या फिर घर में ही गंगाजल मिले पानी से स्नान करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें और पूजा स्थल पर विधि विधान से पूजा अर्चना करें इस दिन दान पुण्य के कार्य करना भी उत्तम माना जाता है।