Mayawati on UP By Election Result 2024: उत्तर प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र में हाल ही में हुए उपचुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इन हारों के बाद, पार्टी प्रमुख मायावती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी पार्टी अब देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने इन चुनावों में धांधली का आरोप भी लगाया और कहा कि सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए फर्जी वोटिंग कराई।
चुनाव आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव, झारखंड और महाराष्ट्र उपचुनावों में पार्टी की हार के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि चुनावों में धांधली हो रही है। मायावती ने आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया में सरकारी मशीनरी का बेजा इस्तेमाल किया गया और फर्जी वोटिंग करवाई गई। उन्होंने यह भी कहा कि पहले बैलेट पेपर के जरिए फर्जी वोटिंग की जाती थी,

अब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के माध्यम से भी यही काम हो रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद चिंता का विषय है। मायावती ने यह भी कहा कि जब तक चुनाव आयोग इस पर सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक उनकी पार्टी उपचुनावों में भाग नहीं लेगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बसपा देश में होने वाले आम चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों में पूरी ताकत से लड़ेगी, लेकिन उपचुनावों में अब पार्टी कोई भूमिका नहीं निभाएगी।
बसपा की रणनीति

मायावती ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तैयारी कर रही है और आगामी चुनावों में पूरी मजबूती से अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी अपील की कि वे आगामी चुनावों में पार्टी के लिए काम करें और सरकार द्वारा किए जा रहे चुनावी धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाएं।मायावती ने अपने बयान में चुनावों में हो रही धांधली के खिलाफ चुनाव आयोग से ठोस कदम उठाने की मांग की और कहा कि यह लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है। उनका आरोप था कि सत्ता में बैठे लोग चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं, जो देश की राजनीतिक व्यवस्था के लिए खतरनाक हो सकता है।
बसपा की भविष्यवाणी और आगामी चुनावों की दिशा

मायावती का यह बयान बसपा के लिए भविष्य में एक नई रणनीति का संकेत हो सकता है। पार्टी अब उपचुनावों से हटकर सीधे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंकने का मन बना रही है। यह निर्णय पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वे चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो, ताकि आम जनता का विश्वास बनाए रखा जा सके। इस बीच, बसपा के समर्थक मायावती के इस फैसले को एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं, जो पार्टी की शक्ति और स्थिति को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।