BSP Mayawati News: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती बसपा को मजबूत करने के लिए लिए बड़े फैसले ले रही है. पहले उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया और इसके बाद पार्टी में फेरबदल करते हुए अपने भाई आनंद कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी…हालांकि, महज तीन दिन के भीतर मायावती ने यह फैसला बदलते हुए अपने भाई को भी इस पद से हटा दिया. अब उनकी जगह रणधीर बेनीवाल को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है. अब ,सवाल यह उठता है कि आखिरकार, उन्होंने ऐसा क्यों किया…..
मायावती ने ट्वीट करके दी जानकारी

बताते चले कि, मायावती ने इस बड़े बदलाव की जानकारी खुद एक्स पर दी है. उन्होंने एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा, “काफी लंबे समय से निस्वार्थ सेवा और समर्पण के साथ कार्यरत बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री आनंद कुमार, जिन्हें अभी हाल ही में नेशनल कोऑर्डिनेटर भी बनाया गया था, उन्होंने पार्टी और मूवमेंट के हित में एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत है।” इसके बाद, एक दूसरे ट्वीट में मायावती ने साफ किया कि आनंद कुमार पहले की तरह बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर बने रहेंगे और अब वह उनके दिशा-निर्देशन में काम करेंगे।
रणधीर बेनीवाल को जिम्मेदारी सौंपी

मायावती ने अपनी तीसरी ट्वीट में कहा, “अब श्री आनंद कुमार की जगह यूपी के जिला सहारनपुर निवासी श्री रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर की नई जिम्मेदारी दी गई है।” इसके बाद मायावती ने यह भी बताया कि रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल अब सीधे तौर पर उनके दिशा-निर्देशन में पार्टी के विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारियों को संभालेंगे।
नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में नए बदलाव का उद्देश्य
इस बदलाव के साथ, मायावती ने उम्मीद जताई है कि इन नए नियुक्त व्यक्तियों, रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल, पार्टी के लिए पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करेंगे। इस समय पार्टी को संगठनात्मक स्थिरता और नए कार्यकर्ताओं के लिए दिशा देने की जरूरत थी, और यह कदम इसी दिशा में उठाया गया है। याद रहे कि मायावती ने 2 फरवरी को अपने भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था, लेकिन तीन दिन बाद हुए इस बदलाव ने पूरे राजनीतिक हलकों में चर्चाएं शुरू कर दी हैं।

मायावती का यह कदम पार्टी में न केवल नेतृत्व के स्तर पर बदलाव की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पार्टी के अंदर नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक स्पष्ट दिशा की आवश्यकता है। इसके अलावा, इस निर्णय से यह भी साबित होता है कि मायावती पार्टी के भविष्य को लेकर गंभीर हैं और वह इसमें स्थिरता और नए जोश को लाना चाहती हैं।