ब्रिटेन ने जताई भारत के फैसलों पर असहमति…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

भारत और कनाडा के तनाव के बीच ब्रिटेन ने अहम टिप्पणी की है। ब्रिटेन ने कहा है कि इससे राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि के प्रभावी अमल पर असर पड़ा है।

India Canada Row: मोदी सरकार द्वारा 41 कनाडाई राजनयिकों को वापस भेजने के कदम पर अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी नाराजगी जाहिर की है। कनाडा और भारत के रिश्तों में तल्खी के बीच ब्रिटेन का बयान अहम है। कनाडाई राजनयिकों को निकाले जाने के मामले में ब्रिटेन ने कहा, वे भारत के फैसले से सहमत नहीं हैं। वही ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को एक बयान में कहा है कि इस कदम से राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि के प्रभावी अमल पर असर पड़ा है।

राजनयिकों का दर्जा रद्द करने पर विवाद…

विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने शुक्रवार को कहा, भारत के इस कदम से राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के प्रभावी कामकाज पर असर पड़ा। कनाडा ने आरोप लगाया कि भारत की तरफ से राजनयिकों का दर्जा रद्द करने की कथित एकतरफा धमकी के बाद 41 राजनयिकों को वापस बुलाया गया। मामला कनाडा के सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या से जुड़ा है।

अमेरिका ने क्या कहा था?

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था, ” हम कनाडा के राजनयिकों के भारत से चले जाने से चिंतित हैं। मतभेदों को सुलझाने के लिए जमीनी स्तर पर राजनयिकों की जरूरत होती है। हमने भारत सरकार से आग्रह किया है, कि वो कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कमी पर जोर ना दे और कनाडा में चल रही जांच में सहयोग करे। हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बरकरार रखेगा, जिसमें कनाडा के राजनयिक मिशन के मान्यता प्राप्त सदस्यों द्वारा प्राप्त विशेषाधिकार शामिल हैं।

फाइव आइज का हिस्सा हैं ब्रिटेन और अमेरिका…

ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ‘फाइव आइज’ नेटवर्क का हिस्सा हैं। यह एक खुफ़िया गठबंधन है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं। यह निगरानी-आधारित और सिग्नल इंटेलिजेंस (एसआईजीआईएनटी) दोनों का उपयोग करता है।

वियना कन्वेंशन का उल्लंघन नहींः भारत

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को बयान जारी करते हुए कहा था कि कनाडा के उन आरोपों को हम सिरे से खारिज करते हैं कि कनाडाई डिप्लोमैट की संख्या को बराबरी में लाने के लिए हमने किसी भी तरह का अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है।

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