Breaking Update’s:CM योगी आदित्यनाथ का आदेश,महानवमी पर UP में सार्वजनिक अवकाश का किया ऐलान

Shilpi Jaiswal
By Shilpi Jaiswal

Lucknow: शक्ति आराधना का पावन पर्व नवरात्रि (Navratri) जो 3 अक्तूबर से आरंभ हुए थे, अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। इसी बीच सीएम योगी(Cm Yogi) का आया आदेश यूपी के लोगों को अब 3 दिन की छुट्टी लगातार मिलेगी,इस हफ्ते के आखिरी 3 दिन छुट्टी रहेगी शनिवार और रविवार के अलावा अब शुक्रवार को भी सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया गया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न संगठनों की मांग और शुक्रवार को नवमी का त्योहार पड़ने के दृष्टिगत आवश्यक सेवाओं को छोड़ते हुए 11 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के निर्देश दिये हैंl

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माता के स्वरूपों की विधिवत पूजा-आराधना करने का क्या है विधान?

नवरात्रि पर देवी दुर्गा (Durga properly) के 9 अलग-अलग स्वरूपों की विधिवत पूजा-आराधना करने का विधान होता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है। यह नवरात्रि पर्व हर वर्ष आश्विन माह की प्रतिपदा से आरंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है। नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस तिथि पर मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना करने के साथ व्रत का पारण किया जाता है। कुछ लोग अष्टमी तो कुछ भक्त नवमी तिथि पर कन्याओं को भोजन कराते हुए उनकी पूजन करते हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर थोड़ा भ्रम की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, हिंदू कैलेंडर (Hindu calendar) में कुछ तिथियों का क्षय हो जाता है तो कुछ तिथियां अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार एक ही दिन में दो पड़ जाती है, जिसको लेकर लोगों के मन भ्रम हो जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि पर तिथियां दोपहर को प्रारंभ होकर फिर अगले दिन दोपहर में समाप्त हो रही है। जिसके चलते अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर संशय बना हुआ है।

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अष्टमी, नवमी तिथि कब है?

हिंदू पंचांग (Hindu calendar) के अनुसार इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 11 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर खत्म होगी,अष्टमी तिथि के समापन के साथ ही नवमी तिथि (Navami Tithi) शुरू होगी, जो 12 अक्तूबर को सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और फिर दशमी तिथि की शुरुआत होगी। इस तरह से इस नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि का व्रत-पारण 11 अक्तूबर को ही रखा जाएगा।

कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि पर माता के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हुए अष्टमी और नवमी तिथि (Navami Tithi) पर कन्याओं का पूजन और उन्हे भोजन कराते हुए व्रत का पारण किया जाता है। महा अष्टमी पर कन्या पूजन (Kanya Pujan)के लिए 11 अक्तूबर को सुबह 07 बजकर 47 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 41 मिनट के बीच में नौ कन्याओं का घर पर बुलाकर पूजन, भोज और उपहार देते हुए उनका आर्शीवाद लें। ध्यान रहें 11 अक्तूबर को राहुकाल के समय यानी 10 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 08 मिनट के बीच कन्या पूजन न करें। राहु काल (Rahu Kaal)की समाप्ति होने के बाद दोपहर 12 बजकर 08 मिनट लेकर 01 बजकर 35 मिनट के बीच कन्या पूजन करें।

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अष्टमी,नवमी तिथि का महत्व क्यों?

महाष्टमी(Mahastami) को दुर्गाष्टमी भी कहते है और यह तिथि को दुर्गा पूजा का प्रमुख दिन माना जाता है। महाअष्टमी पर संधि पूजा होती है। यह पूजा अष्टमी और नवमी दोनों दिन चलती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार पर अष्टमी और नवमी दोनों ही तिथियों का खास महत्व होता है। महाष्टमी दुर्गा पूजा और उपासना के लिए सबसे शुभ तिथि मानी गई है। इस तिथि पर देवी दुर्गा के सबसे शक्तिशाली रूप की पूजा होती है। महाष्टमी पर देवी दुर्गा के महागौरी (Mahagauri) स्वरूप और नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाष्टमी पर देवी दुर्गा ने महिषासुर दैत्य का वध करने के लिए महिषासुरमर्दिनी (Mahishasuramardini) का स्वारूप धरा किया था। इसलिए इस दिन कन्या पूजन, हवन और मंत्रोचार करते हुए मां की उपसना, व्रत का पारण और फिर दशमी(Dashami) तिथि को दुर्गा पंडालों में विराजित मां की प्रतिमाओं का विसर्जन होता है।

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