Braj Ki Holi 2025: ब्रज क्षेत्र भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है. यहां पर होली का उत्सव बहुत ही विशेष और अद्भुत तरीके से मनाया जाता है। यह होली उत्सव पूरे विश्व में अपनी पारंपरिक महत्ता और उल्लास के लिए प्रसिद्ध है। ब्रज में होली की शुरुआत बसंत पंचमी से होती है और यह 40 दिनों तक मनाई जाती है। बसंत पंचमी के दिन, वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भगवान के गालों पर गुलाल लगाकर इस महापर्व का शुभारंभ होता है। इसके बाद भक्तों पर गुलाल डाला जाता है और इस दिन से ब्रज की होली का जश्न शुरू हो जाता है।
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साल 2025 में ब्रज में होली के प्रमुख कार्यक्रम

2025 में ब्रज की होली का कार्यक्रम खासा रंगीन और जीवंत होगा। होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा, जबकि अगले दिन यानी 14 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। हर साल, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन धुल्हेड़ी का आयोजन होता है। ब्रज में होली की शुरुआत बांके बिहारी मंदिर से होती है, और समापन रंगनाथ मंदिर से होता है। इस दौरान, देश-विदेश से सैकड़ों लोग ब्रज पहुंचते हैं और इस शानदार उत्सव का हिस्सा बनते हैं। होली के साथ-साथ ब्रज की होली गीतों और पद गायन की प्राचीन परंपरा भी होती है, जिसे समाज गायन के रूप में जाना जाता है।
ब्रज की होली की परंपरा: द्वापर युग से चली आ रही है

ब्रज में होली का उत्सव द्वापर युग से मनाया जा रहा है। यह महोत्सव बसंत पंचमी से शुरू होकर 40 दिनों तक चलता है। बसंत पंचमी के दिन होलिका दहन की स्थलों पर होली के ढांड़े गाड़े जाते हैं और फिर फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। इसके बाद, रंगों की होली खेली जाती है और लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते हैं। इस दौरान खुशी का माहौल रहता है और सभी लोग एकजुट होकर होली की शुभकामनाएं देते हैं।
2025 में ब्रज में होली के प्रमुख दिन और आयोजन

- 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी पर होली ध्वजारोहण होगा।
- 7 मार्च को नंदगांव और बरसाना में फाग आमंत्रण और लड्डूमार होली का उत्सव आयोजित होगा।
- 8 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली का आयोजन होगा।
- 9 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली मनाई जाएगी।
- 10 मार्च को बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली खेली जाएगी और कृष्ण जन्मभूमि पर हुरंगा होगा।
- 11 मार्च को गोकुल में रमणरेती और द्वारकाधीश मंदिर में होली होगी।
- 12 मार्च को वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में होली उत्सव होगा।
- 13 मार्च को होलिका दहन होगा, और 14 मार्च को पूरे ब्रज में रंगों वाली होली मनाई जाएगी।
ब्रज में रंगोत्सव के बाद के कार्यक्रम

होली के बाद भी ब्रज में उत्सवों की कोई कमी नहीं है। 15 मार्च को बलदेव के दाऊजी मंदिर में हुरंगा खेला जाएगा, जबकि 16 मार्च को नंदगांव में हुरंगा होगा। 17 मार्च को जाव गांव में पारंपरिक हुरंगा खेला जाएगा और 18 मार्च को मुखरई में चरकुला नृत्य का आयोजन होगा। अंत में, 22 मार्च को वृंदावन के रंगनाथ मंदिर में होली का समापन होगा, और इस तरह से 40 दिनों तक चलने वाला ब्रज का होली महोत्सव समाप्त होगा।
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