BPSC Re-exam: पटना हाईकोर्ट ने आज बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उन उम्मीदवारों की याचिकाओं को खारिज कर दिया, जो इस परीक्षा को रद्द कर उसे पुनः आयोजित करने की मांग कर रहे थे। इस फैसले से बिहार के बीपीएससी परीक्षार्थियों को बड़ा झटका लगा है।
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परीक्षा आयोजित करने की मांग

यह मामला उन उम्मीदवारों का था, जिन्होंने बीपीएससी (BPSC) 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने और फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग की थी। याचिकाओं पर सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट की बेंच, जिसमें एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार शामिल थे, ने राज्य सरकार और BPSC को राहत दी। कोर्ट ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका और अन्य याचिकाओं पर विचार करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, और आज अपना अंतिम फैसला सुनाया।
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अभ्यर्थियों को बड़ा झटका
इस फैसले के बाद अब 70वीं बीपीएससी परीक्षा को लेकर जिन अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि परीक्षा रद्द होगी और फिर से आयोजित होगी, उनके लिए यह एक बड़ा झटका है। अदालत ने राज्य सरकार और बीपीएससी को इस परीक्षा के आयोजन में कोई भी दखल देने से इंकार कर दिया।इसके साथ ही, बीपीएससी की ओर से 70वीं सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा की तारीख भी तय कर दी गई है। मुख्य परीक्षा का आयोजन 25 से 30 अप्रैल के बीच किया जाएगा। ऐसे में, बीपीएससी के उम्मीदवारों को अब मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में मायूसी का मंजर
इस फैसले के बाद बीपीएससी परीक्षार्थियों में मायूसी फैल गई है। कई उम्मीदवार इस फैसले से असहमत हैं और उनका मानना है कि बीपीएससी (BPSC) प्रारंभिक परीक्षा में कुछ गड़बड़ियां हुई थीं, जिन्हें सुधारने की जरूरत थी। वहीं, कुछ उम्मीदवारों ने यह भी कहा कि अगर परीक्षा में कोई गड़बड़ी या तकनीकी समस्या थी, तो उसे ठीक किया जाना चाहिए था, ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ… गुरु रहमान
आपको बता दे…. इस बीच, एक प्रमुख शिक्षक गुरु रहमान ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि यह निर्णय न्यायपूर्ण नहीं है और यह लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उनका मानना है कि कोर्ट को इस मामले में पुनः विचार करना चाहिए।