BPSC परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन पर शिक्षक और यूट्यूबर खान सर ने बीपीएससी अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की अपील है उन्होंने कहा कि,BPSC ने परीक्षा के संबंध में ऐसे कई बयान जारी किए थे जिसके कारण अभ्यर्थियों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।आप समझ सकते हैं कि आयोग कितना अयोग्य हो चुका है,हम छात्रों के साथ उस स्थान पर धरना कर रहे थे जो स्थान बिहार सरकार ने धरना करने के लिए दिया है।खान सर ने कहा,ये सारा देश देख रहा है कि बिहार में क्या हो रहा है।हम अपने लिए नहीं बल्कि विद्यार्थियों के हक के लिए लड़ने गए थे।BPSC ने स्वयं अपनी छवि धूमिल की है।खान सर ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। उनका आरोप है कि बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनियमितताएँ और धांधली हो रही हैं, जिससे छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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BPSC पर प्रमुख आरोप
- गलत प्रश्न पत्र और आंसर की: खान सर ने यह आरोप लगाया कि,बीपीएससी द्वारा जारी किए गए प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी में कई गलतियाँ पाई गई हैं।उन्होंने उदाहरण के तौर पर कुछ प्रश्नों को दिखाते हुए कहा कई प्रश्नों के सही उत्तरों में असहमति थी, जिससे छात्रों को नुकसान हुआ।
- धांधली और भ्रष्टाचार: खान सर का यह भी कहना है कि,बीपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता का घोर अभाव है। कई बार परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों से संबंधित शिकायतें सामने आईं हैं, जैसे कि परीक्षा में धांधली और गलत तरीके से प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप।
- न्याय की मांग: खान सर ने बिहार सरकार से अपील की है कि,बीपीएससी अध्यक्ष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में छात्रों का भविष्य संकट में है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
- परीक्षा प्रक्रिया में सुधार: खान सर ने कहा,बिहार में परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है। आयोग को पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना चाहिए, ताकि छात्रों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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मीडिया में प्रतिक्रिया

खान सर की इस अपील के बाद, बिहार के शिक्षा जगत में हलचल मच गई है। कई छात्र संगठन और शिक्षा से जुड़ी संस्थाएँ भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रही हैं।कुछ छात्र संगठन ने खान सर के समर्थन में बयान जारी किए हैं, वहीं बीपीएससी और राज्य सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है।अब यह देखना होगा कि बीपीएससी इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या बिहार सरकार खान सर की अपील पर गंभीरता से विचार करती है।