BPSC 70th Exam: Bihar Public Service Commission (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर लंबे समय से विवाद जारी था। लगभग 5 लाख उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में भाग लिया था, जो राज्य भर के 900 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। हालांकि, विवाद तब शुरू हुआ जब आयोग ने केवल बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा देने वाले करीब 6000 उम्मीदवारों के लिए पुनर्परीक्षा का आयोजन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है और इस वजह से पूरी परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित किया जाना चाहिए।
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BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग
हालांकि, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया और BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इतने बड़े स्तर की परीक्षा में यदि पुनर्परीक्षा कराई भी गई है, तो उसका कारण स्पष्ट होना चाहिए, और इस मामले में आयोग ने पुनर्परीक्षा का फैसला केवल एक केंद्र विशेष के लिए किया था।
BPSC की 70वीं परीक्षा पर हाईकोर्ट की याचिका
इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने भी BPSC की 70वीं परीक्षा को लेकर दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने भी यही कहा था कि परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की पुष्टि करने के लिए कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आए हैं। इसके बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट की आश्रय में पहुंचे और कई वरिष्ठ वकीलों की मदद से अदालत में अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन वे कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर सके।
उम्मीदवारों के लिए यह राहत की खबर
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब यह लगभग तय हो गया है कि BPSC 70वीं परीक्षा को रद्द नहीं किया जाएगा और आयोग द्वारा आगे की प्रक्रिया यथावत जारी रहेगी। परीक्षा में शामिल लाखों उम्मीदवारों के लिए यह राहत की खबर है, जो लंबे समय से असमंजस की स्थिति में थे।
