Chahal-Dhanshri: बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्रिकेटर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) और कोरियोग्राफर धनश्री वर्मा (Dhanashree Verma) के तलाक मामले में जरूरी फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने पारिवारिक अदालत के फैसले को पलटते हुए युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की आपसी सहमति से तलाक के लिए अनिवार्य छह महीने की कूलिंग-ऑफ अवधि माफ करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला उन दोनों के तलाक की प्रक्रिया को और तेज करेगा, क्योंकि पहले पारिवारिक अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
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युजवेंद्र और धनश्री के संबंधों में खटास

युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) और धनश्री वर्मा (Dhanashree Verma) की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी, लेकिन उनके बीच संबंधों में खटास आ गई और वे जून 2022 से अलग रह रहे थे। 5 फरवरी 2025 को उन्होंने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी के तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। इसके साथ ही उन्होंने छह महीने की अनिवार्य कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की भी मांग की थी, ताकि उनका तलाक जल्द पूरी प्रक्रिया से गुजर सके।
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पारिवारिक अदालत ने खारिज कर दी याचिका
हालांकि, पारिवारिक अदालत ने 20 फरवरी 2025 को उनकी याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने यह तर्क दिया था कि दोनों पक्षों के बीच समझौता पूरी तरह से पालन नहीं किया गया था। इस समझौते के तहत चहल को धनश्री को ₹4.75 करोड़ का स्थायी गुजारा भत्ता देना था, जिसमें से ₹2.37 करोड़ का भुगतान हो चुका था, जबकि शेष राशि अभी तक नहीं दी गई थी। पारिवारिक अदालत ने शेष राशि के भुगतान में देरी को समझौते की अवहेलना मानते हुए कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने से इनकार कर दिया था।

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदला अपना फैसला
लेकिन अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए, दोनों की याचिका को स्वीकार किया और पारिवारिक अदालत को निर्देश दिया कि वह चहल की आगामी आईपीएल प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए तलाक की याचिका पर जल्द से जल्द फैसला करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाए, ताकि दोनों के जीवन में कोई और परेशानी न आए।