दिल्ली में प्रदूषण के लिए BJP जिम्मेदार – AAP नेता..

Mona Jha
By Mona Jha

Pollution in Delhi : दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 500 के पार है। जिस से वहां के लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है। वहीं इसको लेकर सियासी मामला भी तेज देखने को मिल रहा है। जहां इस बीच आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में प्रदूषण के लिए BJP को जिम्मेदार बताया है, इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी से संयुक्त बैठक बुलाने की मागं की है।

Read more : सीएम योगी ने चुनावी प्रचार के दौरान कांग्रेस पर साधा निशाना

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर होता जा रहा है। वहीं इसको लेकर AAP ने आरोप लगाया कि दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार जिम्मेदार हैं। आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा की यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भी साफ हो गया है जिसमें केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव को जिम्मेदारी दी है कि वह दिन प्रतिदिन के स्तर पर प्रदूषण समस्या का समाधान करें।

Read more : इस दिवाली मेहमानों को खिलाएं बेसन की बर्फी

प्रदूषण का काला साया छाया…

प्रदूषण को बढ़ते हुए देख अब दुर्गेश का एक नया बयान सामने आया है , उन्होनें इस को लेकर कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा दोषी हरियाणा की सरकार सीएम मनोहर लाल खट्टर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।दिल्ली और आसपास के सभी जगहों पर प्रदूषण का काला साया छाया है‌। उस समय में देश के पर्यावरण मंत्री चुनावी सभा करने में व्यस्त हैं।

Read more : दीपावली से पहले बाजारों में खरीदारों की उमड़ी भीड़

राजस्थान में चुनावी सभा करने में व्यस्त ..

आम आदमी पार्टी के नेता कहा कि दिल्ली और आसपास के सभी जगहों पर प्रदूषण का काला साया छाया है। ऐसे समय में जब केंद्र सरकार और उनकीसभी एजेंसी को 24 घंटे काम करना चाहिए, तब देश के पर्यावरण मंत्री मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनावी सभा करने में व्यस्त हैं। उन्होंने जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है कि अगर कुछ कर सकते हो तो खुद कर लो।

RLD प्रवक्ता ने शायराना अंदाज में BJP पर कसा तंज | I.N.D.I Alliance

AAP विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि..

हम सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने कल आदेश दिया कि ‘कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी है कि दिन प्रतिदिन के के स्तर पर प्रदूषण की समस्या का समाधान करें आप अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं।’ लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जब सुप्रीम कोर्ट में गंभीर विषय पर चर्चा चल रही है।पांच राज्यों दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के प्रतिनिधि उसमें शामिल हैं। सिर्फ दिल्ली और पंजाब ने अपना एफिडेविट शामिल किया, इनके अलावा किसी राज्य ने अपना एफिडेविट नहीं दिया।

Share This Article
Exit mobile version