‘भारतीय न्याय संहिता’ बिल का विरोध करने पर ओवैसी पर भड़की BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Sadhvi Pragya and Owaisi: भारतीय दंड संहिता,दंड संहिता प्रक्रिया और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह 3 नए कानून लाने के लिए लाए गए विधेयक पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि,पीएम मोदी गुलामी के निशान मिटा रहे हैं इस दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए लाए गए बिल की तुलना अंग्रेजों के रोलेट एक्ट से की।

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संसद में भड़क उठे असदुद्दीन ओवैसी

बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने देश में चले आ रहे बरसों से आपराधिक मामलों पर कानून बदलने वाला बिल पेश किया तो ओवैसी बिल पर चर्चा के दौरान भड़क उठे.बिल को मुस्लिमों से जोड़ते हुए ओवैसी ने कहा कि,भारत की जेलों में अगर सबसे ज्यादा अंडरट्रायल कैदी हैं तो वो मुस्लिम हैं…जेलों में 20 प्रतिशत मुस्लिम बंद हैं जबकि उनका कन्विक्शन रेट 14 प्रतिशत है और आबादी में हिस्सेदारी 14 फीसदी है।

नए बिल की रोलट एक्ट से की तुलना

ओवैसी ने नए कानूनों की तुलना अंग्रेजों के जमाने के रोलट एक्ट से की और कहा कि,आज सूट पहनने वाला क्राइम से,जुर्म से,जेल से बच जाता है…खाकी पहनने वाला हथकड़ी पहने मुजरिम को करीब से गोली मार सकता है कोई जवाबदेही नहीं है जिन पर आतंकवाद का आरोप है वो इस पर वोट डालेंगे कि,ये आतंकवाद है कि नहीं।

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सदन में दिखा ओवैसी का शायराना अंदाज

इस दौरान संसद में चर्चा के दौरान ओवैसी शायराना अंदाज में भी दिखे,अपने भाषण की शुरूआत उन्होंने एक शेर से की हमकों शाहों की अदालत से तवक्को तो नहीं, आप कहते हैं तो जंजीर हिला देते हैं। ओवैसी ने जॉन औलिया का शेर पढ़ा, ‘जुर्म में हम कमी करें भी तो क्यों, तुम सजा भी तो कम नहीं करते’। संसद में ओवैसी ने 1999 का अपने साथ एक वाकया सुनाते हुए कहा,सर पुलिस ने मुझको पीटा था 1999 में 22 दिसंबर को मेरे सिर पर 20 टांके लगे। पीठ से लेकर पैर तक मारा गया….टीडीपी की सरकार थी उन्होंने उन दोनों पुलिसवालों को जिन्होंने मुझे मारा था, उन्हें आईपीएस बना दिया।

इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने नए आपराधिक बिल को लेकर बताया कि,आपराधिक कानूनों से संबंधित विधेयक देश में ‘पुलिस राज’ से मुक्ति और गुलामी की निशानियों को मिटाकर भारतीय परंपरा को स्थापित करने के लिए लाए गए हैं। इन विधेयकों से देश के लोगों को राहत पहुंचने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मैकॉले की शिक्षा पद्धति को खत्म किया और अब अंग्रेजों के समय के कानून को बदला जा रहा है।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस पर साधा निशाना

बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, जो तीन बिल हमारे देश के नाम को बदले इंडियन कहके उसे इंडियन पेनल कोड में बदल दिया। सत्ता में बैठे लोग स्वतंत्रता का मान नहीं रख पाएं.उस समय के लोग जिन्होंने 65 साल तक शासन किया उनके अंदर जीजिविषा का अभाव था,उसके कारण आज हम उस ब्रिटिश कानून को बदलने के लिए आए हैं।

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