कर्नाटक राज्य के चिक्कमगलुरु जिले के कोडंडा रामास्वामी मंदिर के पुजारी हिरेमागलुरु कन्नन के खाते में 4.74 लाख की अतिरिक्त राशि जारी की गई है.ये पूरी राशि वर्ष 2013 से 2022 के बीच जारी की गई है। इस प्रकरण पर भाजपा नेताओं ने पूरी तरह से विरोध किया। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, अतिरिक्त राशि प्रदान करने में पूरी गलती तहसीलदार की है,जिसकी वजह से पुजारी के खाते में अधिक राशि ट्रांसफर हो गई।
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नोटिस जारी करने से बढ़ा विवाद
कोडंडा रामास्वामी मंदिर के खाते मे 4.74 लाख की अधिक राशि प्रदान करने के मामले में मोड़ तब आया जब सिद्धारमैया ने कहा इस मामले पर नोटिस जारी करने के लिए मैं अधिकारियों से बातचीत करुंगा.वहीं मुख्यमंत्री ऑफिस ने जानकारी देते हुए कहा कि,गलती तहसीलदारों ने की है खाते में अधिक पैसे भेजकर। वहीं उन्होंने कहा वसूलने की जिम्मेदारी हमारी है।
दरअसल, कल्याण कोडंडा रामास्वामी मंदिर मे 44 वर्षों से मुख्य पुजारी हैं। वहीं कन्नन को मुख्य पुजारी होने के नाते राज्य सरकार की तरफ से 7500 रुपये महीने की राशि दी जाती है। बताया जा रहा कि,जब इस मंदिर की आय कम थी तब भी उनको उतनी ही राशि दी जाती थी लेकिन अब कन्नन को 4500 रुपये प्रतिमाह वापस करने का शासन ने निर्देश दिया है। इसी कड़ी में तहसीलदार ने नोटिस जारी कर उनको 10 साल की कुल 4 लाख 74 हजार रुपये वापस करने को कहा है।इस खबर के फैलने के ठीक बाद मुख्यमंत्री ने कहा हिरेमागलुरु कन्नन को पैसे वापस करने का नोटिस सार्वजनिक तौर पर जारी करना सही नहीं था।
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इस मामले पर बयान देते हुए मंत्री रामलिंगारेड्डी ने कहा कि,आयुक्त को हिरेमागलुरु कन्नन के लिए नोटिस को वापस लेने का निर्देश देंगे। इस मामले के बाद एक सवाल जरुर खड़ा हो रहा कि क्या मंदिरों के पुजारियों को मंदिर की आय को देख कर भुगतान किया जा रहा। कई लोग राज्य में इस बात से सहमत हैं कि, कम आय वाले मंदिरों के पुजारियों को कम वेतन दिया जाना चाहिए,और ज्यादा आय वाले मंदिरों के पुजारियों को ज्यादा वेतन का भुगतान करना चाहिए।
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भाजपा नेताओं ने किया विरोध
पुजारी के खाते में शासन की तरफ से अधिक भुगतान हो जाने के बाद जारी किए गए नोटिस पर कई भाजपा नेताओं ने सरकार की आलोचना की और इस नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लेने के लिए कहा। राज्य सरकार के मुताबिक 2 दिसंबर 2023 को पुजारी को जारी किए गए नोटिस के अनुसार राज्य सरकार ने मंदिर को कुल 3.36 लाख रुपये दिये हैं और इस अवधि के दौरन पुजारी के खाते में 8.1 लाख रुपये जमा हो गए।