BJP Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने बीजेपी को सबसे ज्यादा यूपी में चौंकाया जिसकी समीक्षा अब पार्टी और संगठन की ओर से की जा रही है.2024 में नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए लेकिन यूपी के अलावा कई अन्य राज्यों में बीजेपी को 2019 की तुलना में काफी कम सीटें मिली इसकी समीक्षा अब पार्टी और संगठन से जुड़े नेता कर रहे हैं.इसी कड़ी में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक की।
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लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा
संगठन राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने बैठक में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक और विधानसभा उपचुनाव को लेकर तैयारियों की चर्चा की.बैठक में मुख्य तौर पर कई विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन पर बात हुई.बैठक में ये तय हुआ कि,विधानसभा की सभी 10 सीटों पर जहां उपचुनाव होना है उनको जीतने के लिए सिफारिश नहीं बल्कि जीतने वाले उम्मीदवार को ही चुनावी मैदान में उतारा जाए।
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दलित वोटरों को साधने के लिए बनाई रणनीति
राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने कहा कि,संगठन को मजबूती प्रदान करें दलित बस्तियों में जाकर संपर्क करें विपक्ष ने जो कुछ झूठ फैलाया है उसको लोगों के मन से दूर करने के लिए काम करें.बीजेपी दलितों की हितैषी पार्टी है लोगों तक इस संदेश को पहुंचाएं उन्होंने कहा,संविधान को बदल देना ये पूरी तरह से गलत है इसको दूर-दूर तक फैलाएं।
बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहें.बैठक में दलित वोटरों को साधने के लिए खास चर्चा हुई जिसको लेकर बीएल संतोष ने केंद्र में दलितों के लिए मोदी सरकार ने बहुत काम किया प्रदेश में योगी सरकार भी दलितों के लिए अच्छा काम कर रही है लेकिन फोटो फ्रेम में लगाने के लिए पार्टी के पास प्रदेश में कोई बड़ा दलित चेहरा नहीं है।
कई बार से चुने जा रहे सांसदों के लिए लोगों में नाराजगी
भाजपा अनुसूचित मोर्चा संग की बैठक में दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए नए सिरे से जुटाने पर मंथन हुआ.बैठक में शामिल दलित नेताओं ने कहा,मायावती और चंद्रशेखर दूसरे वर्गों के खिलाफ बोलकर भी लीडर बन गए लेकिन हम तमाम सेवा कार्य करके भी नहीं बन पा रहे.पार्टी नेताओं ने बैठक में बताया कि,हार की एक बड़ी वजह रही कि लगातार कई बार से सांसद चुने जा रहे नेताओं के खिलाफ जनता में नाराजगी थी इसके बाद भी जब उन्हें टिकट दिया गया तो कार्यकर्ता निराश हो गए और उन्होंने मेहनत नहीं की।
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