Bilkis Bano Case: दो दोषियों की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Bilkis Bano Case

Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार यानी 19 जुलाई को बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के मामले में दोषी ठहराए गए दो दोषियों की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हुए इस मामले में बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट के 8 जनवरी के फैसले से राहत नहीं मिली है। दोनों दोषियों ने जब तक उनकी रिहाई पर गुजरात सरकार फैसला नहीं लेती, तब तक अंतरिम जमानत की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

Read more: Unnao News: शिक्षक व शिष्य का रिश्ता हुआ शर्मसार! चार साथियों संग मिलकर छात्रा से किया दुष्कर्म, फिर हत्या

सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख

जस्टिस संजीव खन्ना और पी.वी. संजय कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दोषियों को ऐसा कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। पीठ ने कहा, “यह याचिका क्या है? यह याचिका कैसे स्वीकार्य है? यह पूरी तरह से गलत है। अनुच्छेद 32 के तहत याचिका कैसे दायर की जा सकती है? हम किसी अन्य पीठ द्वारा पारित आदेश पर अपील नहीं कर सकते।”

Read more: Bihar: पुल बनाने वाली विवादित कंस्ट्रक्शन कंपनी SP Singla पर ईडी का शिकंजा, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

दोषियों की दलीलें

बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के मामले के दोषियों राधेश्याम भगवानदास शाह और राजूभाई बाबूलाल सोनी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी। मार्च में दोनों दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था और दलील दी थी कि उनकी सजा की माफी को रद्द करने वाला 8 जनवरी का फैसला 2002 के संविधान पीठ के आदेश के विपरीत है। उन्होंने इस मुद्दे को अंतिम निर्णय के लिए बड़ी पीठ को सौंपने की मांग की थी।

न्यायालय में उत्पन्न “विषम” स्थिति

मामले के दोषियों ने कहा कि एक “विषम” स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें दो अलग-अलग समन्वय पीठों ने समयपूर्व रिहाई के एक ही मुद्दे पर तथा छूट के लिए याचिकाकर्ताओं पर राज्य सरकार की कौन सी नीति लागू होगी, इस पर बिल्कुल विपरीत विचार व्यक्त किए हैं। 13 मई, 2022 को एक पीठ ने स्पष्ट रूप से गुजरात सरकार को 9 जुलाई, 1992 की राज्य सरकार की छूट नीति के संदर्भ में शाह की समयपूर्व रिहाई के आवेदन पर विचार करने का आदेश दिया था, जबकि 8 जनवरी, 2024 को फैसला सुनाने वाली पीठ इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि गुजरात सरकार (Gujarat Government) नहीं बल्कि महाराष्ट्र छूट देने के लिए सक्षम है।

Read more: Nainital में निर्भया कांड जैसी वारदात, चलती बस में युवती से दुष्कर्म का प्रयास

याचिका में केंद्र से स्पष्टता की मांग

दाखिल याचिका में कहा गया कि 8 जनवरी, 2024 का निर्णय, 2002 के रूपा अशोक हुर्रा मामले में संविधान पीठ के निर्णय के बिल्कुल विपरीत है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। याचिका में केंद्र को समय से पहले रिहाई के लिए याचिकाकर्ताओं के मामले पर विचार करने और यह स्पष्ट करने का निर्देश देने की मांग की गई कि 13 मई, 2022 या 8 जनवरी, 2024 के उसके समन्वय पीठों का कौन सा फैसला उन पर लागू होगा। इसमें कहा गया है कि चूंकि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की समान संख्या वाली दो पीठों ने परस्पर विरोधी आदेश पारित किए हैं, इसलिए इस मामले को अंतिम निर्णय के लिए बड़ी पीठ को भेजा जाना चाहिए।

Read more: लोकसभा चुनाव के बाद से गरमाई UP की राजनीति, लखनऊ में RSS और BJP की अहम बैठक

गुजरात सरकार को झटका

8 जनवरी को, गुजरात सरकार को बड़ा झटका देते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने बिलकिस बानो के देशभर में चर्चित सामूहिक दुष्कर्म और उसके सात परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर दिया था, साथ ही राज्य सरकार पर आरोपियों के साथ मिलीभगत रखने और अपनी बुद्धि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।

Read more: Unnao Accident: लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ट्रक से जा भिड़ी, पांच की मौत

न्यायिक प्रणाली में विश्वास बनाये रखना महत्वपूर्ण

बिलकिस बानो (Bilkis Bano) केस में सुप्रीम कोर्ट का यह सख्त रुख न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस तरह के जघन्य अपराधों में दोषियों को दी गई किसी भी तरह की राहत समाज में गलत संदेश भेज सकती है। न्यायिक प्रणाली का यह कर्तव्य है कि वह पीड़ितों को न्याय दिलाए और दोषियों को उनके कृत्यों की सजा दे। ऐसे मामलों में न्याय की सख्ती ही समाज में कानून का भय और न्याय का भरोसा बनाये रखने का काम करती है।

Read more: NEET-UG: नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सीबीआई ने RIMS प्रथम वर्ष की छात्रा को हिरासत में लिया

Share This Article
Exit mobile version