Bijapur Naxal Attack:6 जून को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर अपनी मौजूदगी का खौफनाक प्रदर्शन किया। गुरुवार रात भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धुसावड़ इलाके में नेशनल हाईवे 63 (NH-63) पर नक्सलियों ने एक ट्रक को आग के हवाले कर दिया। यह घटना रात के समय हुई, जब हाईवे पर वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से चल रही थी।ट्रक में आगजनी की इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई। घटनास्थल से धुआं उठते ही स्थानीय लोगों और प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों की टीम त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने हाईवे पर बंद यातायात को पुनः बहाल कराया और आसपास के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
सुरक्षाबलों की तत्परता
सुरक्षाबलों की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया की वजह से स्थिति को जल्द ही नियंत्रण में लाया गया। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने आग से प्रभावित क्षेत्र को सील कर लिया है और इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि नक्सलियों की मौजूदगी की पुष्टि की जा सके।घटना स्थल पर पहुंची सीआरपीएफ, डीआरजी और STF की टीमों ने जांच शुरू कर दी है। क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और हाईवे की निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
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मारा गया एक करोड़ का इनामी नक्सली
इस नक्सली घटना से एक दिन पहले ही बीजापुर जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी। नक्सली संगठन की केंद्रीय समिति के सदस्य सुधाकर उर्फ नर सिंहाचलम को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। सुधाकर छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र का वांछित नक्सली था और उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, माओवादी शीर्ष नेतृत्व बीजापुर के एक जंगल क्षेत्र में छिपा हुआ था। इसी जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने सुधाकर को मार गिराया, जिससे नक्सली संगठन को एक बड़ा झटका लगा है।
नक्सलियों की रणनीति और सरकार की जवाबी कार्रवाई
बीजापुर की यह घटना बताती है कि नक्सली अभी भी राज्य के कुछ क्षेत्रों में सक्रिय हैं और अपनी उपस्थिति जताने के लिए हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन साथ ही, सरकार और सुरक्षाबलों की रणनीति भी अब अधिक आक्रामक और प्रभावी हो चुकी है। पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से संगठन को काफी नुकसान पहुंचा है।