Bihar News: यदि हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता। इस कथन को सच कर दिखाया है बिहार में पूर्णिया जिले के तेजस्वी ने,जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर 100 से अधिक प्रकार की मशीनों का निर्माण शुरू किया है।उनके द्वारा निर्मित मशीनें न केवल भारत में बल्कि नेपाल और भूटान जैसे देशों में भी लोकप्रिय हो चुकी हैं।
नौकरी छोड़ आत्मनिर्भर बने तेजस्वी
तेजस्वी कभी एक निजी कंपनी में कार्यरत थे लेकिन उन्होंने अपनी जड़ों की ओर लौटते हुए पूर्णिया में ही एक फैक्ट्री स्थापित कर ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान को मजबूत किया।आज उनकी फैक्ट्री में तीन महिलाओं समेत कुल 25 लोगों को रोजगार मिल रहा है।

मशीनों का निर्माण कर लोगों को दिया रोजगार
उन्होंने बताया कि,वे मखाना प्रोसेसिंग मशीन,सेवई मशीन,आटा चक्की,कृषि उपकरणों सहित कई प्रकार की उपयोगी मशीनें तैयार कर रहे हैं।उनका स्टार्टअप सरकारी एजेंसियों द्वारा भी मान्यता प्राप्त है और जेम पोर्टल (GEM Portal) के माध्यम से सरकार की विभिन्न एजेंसियाँ उनसे मशीनें खरीद रही हैं।
पलायन करने वालों को मुहैया कराया रोजगार
तेजस्वी ने कहा,“स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए हमारे पास कई तरह की मशीनें हैं,जिन्हें कम लागत में उपलब्ध कराया जाता है।हम मशीन संचालन का प्रशिक्षण भी देते हैं और बाजार की मांग के अनुसार जानकारी भी साझा करते हैं।उनकी फैक्ट्री में कार्यरत सोनी कुमारी और रूबी ने बताया कि,पहले वे रोजगार की तलाश में बाहर जाया करती थीं लेकिन अब घर के पास ही काम मिल गया है जिससे अच्छी आमदनी हो रही है और परिवार के साथ समय भी मिल रहा है।
‘लोकल फॉर वोकल’ के सपने को किया साकार
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल फॉर वोकल’ के सपने को साकार करते हुए न केवल कई लोगों को रोजगार दिया है बल्कि अन्य युवाओं को स्टार्टअप की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया है।उनकी यह पहल पूर्णिया ही नहीं, पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।
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