Bihar Flood Alert: बिहार में मानसून की दस्तक के बाद लगभग सभी जिलों में बारिश देखने को मिल रही है. जिसकी वजह से नदियों के जलस्तर में बढोतरी दिख रही है. बता दें कि, नदियों अपने सामान्य स्तर से ऊपर की ओर ऊपर बह रही हैं. इसी के चलते कोसी नदी ने भी विक्राल रूप दिखा रही है. इसको लेकर सुपौल जिले में लोगो के अंदर खौफ का मंजर दिखाई दे रहा है। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं इसकी वजह से लोगों को अपना खुद का घर ही न छोड़ देना पड़े.
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आपको बता दें कि, इसी बीच बड़ी सूचना ये है कि मानसून की एंट्री के बाद पहली बार कोसी बराज से 1 लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. दरअसल, इस बढ़ोतरी का कारण नेपाल के जलग्रहण इलाकों में तेज बारिश बताया जा रहा है. जिससे कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा है।
बाढ़ की आशंका को लेकर अलर्ट जारी
पिछले कुछ दिनों की बात करें तो, नदी के जलस्तर में हर वक्त उतार-चढ़ाव देखा जा रहा था. साथ ही पानी के डिस्चार्ज के बाद कोसी नदी के तटबंध के अंदर बसे इलाकों में बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया है, जिससे स्थानीय लोग चिंतित हैं। हालांकि, सुपौल जिले के जल संसाधन विभाग ने पूरी सतर्कता बरतते हुए सभी संभावित खतरों पर कड़ी नजर रखी हुई है। अधिकारी और अभियंता तटबंध और स्परों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। अब तक कोई भी नुकसान या आपातकालीन स्थिति सामने नहीं आई है, लेकिन बाढ़ की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही सहरसा जिले में भी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण जल संसाधन विभाग अलर्ट पर है और संभावित बाढ़ की रोकथाम के लिए सतर्कता बरती जा रही है।
24 स्थलों पर सुरक्षा कार्य का आदेश…
सूत्रों के मुताबिक, सहरसा जिले के अलग-अलग तटवर्ती इलाकों में कुल 24 स्थलों पर कटाव रोधी और तटबंध सुरक्षा कार्य कराया जाएगा। बता दें कि, इन कामों में में पश्चिमी कोसी तटबंध पर घोघरडीहा के नीचे स्थित किलोमीटर 48.397 पर स्पर और अपस्ट्रीम लूप के पास संरचना सुदृढ़ीकरण का काम किया गया है.
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तटबंधों को किया जा रहा है मजबूत…
इसके अलावा पूर्वी कोसी तटबंध की बात करें तो इसकी भी थोड़ी मरम्मत पर ध्यान दिया गया है. इस तटबंध पर कटाव रोकने का काम सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। पुराने तटबंध के कमजोर हिस्सों की मरम्मत भी कर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, अन्य जरूरी जगहों पर भी तटबंधों को मजबूत करने के काम किए गए हैं। इस तरह से लगातार ध्यान रखा जा रहा है कि संवेदनशील इलाकों में लोगों को कोई परेशानी न हो।