Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा 2025 को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए. सभी दलों ने अपनी-अपनी रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. चुनाव आयोग ने भले ही चुनाव की तारीखों का ऐलान ना किया हो लेकिन सूबे की सियासत इस समय चरम पर है. पक्ष-विपक्ष का आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बीच कांग्रेस ने एक बड़ा ऐलान किया है.
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राज्य की महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा
बताते चले कि, चुनावी साल में कांग्रेस ने राज्य की महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की है. शुक्रवार को पटना में एक कान्फ्रेंस के दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि, पार्टी राज्य की 5 लाख जरुरतमंद महिलाओं को मुफ्त सैनेटरी पैड वितरित करेगी. इस अभियान को महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जागरूकता से जोड़ते हुए ‘माई-बहन मान योजना’ नाम दिया गया है.
‘माई-बहन मान योजना’: महिला स्वास्थ्य और सम्मान की पहल
इसी कड़ी में आगे, राजेश कुमार ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को न केवल सैनिटरी पैड मुहैया कराए जाएंगे, बल्कि महिला कांग्रेस की टीम हेल्थ कैंप और जागरूकता अभियान भी चलाएगी. सैनेटरी पैड के पैकेट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तस्वीर है और साथ ही इस पर लिखा हुआ है— “जरूरतमंद महिलाओं को सम्मान राशि – 2500 रुपए महीना”. पार्टी ने दावा किया कि यह पहल महिलाओं के आत्मसम्मान और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है।
राजेश कुमार का दावा: हर महिला तक पहुंचाएंगे सैनिटरी पैड
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद खराब स्थिति में हैं. कांग्रेस ने राज्य की महिलाओं के लिए विशेष तैयारी की है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये सैनिटरी पैड हर जरूरतमंद महिला तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह कोई चुनावी स्टंट नहीं, बल्कि महिला अधिकारों और गरिमा को सम्मान देने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
बीजेपी का हमला: राहुल गांधी की तस्वीर अपमानजनक
इस बीच, बीजेपी ने कांग्रेस की इस योजना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता रमेश भंडारी ने बयान जारी कर कहा कि सैनिटरी पैड जैसे निजी उपयोग की वस्तु पर राहुल गांधी की तस्वीर लगाना बिहार की महिलाओं का अपमान है। उन्होंने कांग्रेस पर महिला विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की महिलाएं इस बार कांग्रेस और आरजेडी को करारा जवाब देंगी।
राजनीति बनाम महिला सशक्तिकरण: असली मुद्दा क्या?
कांग्रेस जहां इस योजना को महिला स्वास्थ्य और सम्मान से जोड़ रही है, वहीं बीजेपी इसे राजनीतिक स्टंट और असंवेदनशीलता की मिसाल बता रही है। दोनों दलों के बीच यह बहस बिहार की चुनावी राजनीति में महिला मतदाताओं की अहम भूमिका को दर्शाती है। आगामी महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘माई-बहन मान योजना’ कांग्रेस को राजनीतिक लाभ दिला पाती है या नहीं।
बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच कांग्रेस की यह योजना महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश मानी जा रही है। जहां एक ओर इसे महिलाओं की भलाई के लिए सराहनीय पहल बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विरोधी दल इसे चुनावी प्रचार और मर्यादा की सीमाओं से बाहर बता रहे हैं। अब फैसला बिहार की जनता के हाथ में है।