Bihar: बिहार सरकार ने हाल ही में भूमि सर्वेक्षण के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त करना और भूमि अधिकारों को सुरक्षित रखन है। इस अभियान को “बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त जागरूकता अभियान” नाम दिया गया है, जो राज्य के सभी ज़िलों में चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, राज्य सरकार ने सभी भूमि मालिकों से अपनी जमीन का पूरा विवरण देने की अपील की है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल भूमि के रिकॉर्ड को सही किया जा सकेगा, बल्कि भूमि विवादों को भी हल किया जा सकेगा।
मालिक देंगे अपनी जमीन का विवरण
सरकार के मुताबिक, भूमि सर्वेक्षण में हर ज़मीन मालिक को फॉर्म-2 भरकर अपनी जमीन का विवरण देना होगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य भूमि के मालिकाना हक की स्थिति को स्पष्ट करना है। सर्वेक्षण के दौरान जमीन के आकार, सीमा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त की जाएंगी, जिससे भूमि विवादों का समाधान हो सकेगा। यह कार्य विभिन्न चरणों में किया जाएगा, जिनमें भूमि की सही स्थिति का नक्शा तैयार करना, मालिकों के दावे दर्ज करना, आपत्तियों का समाधान करना और अंत में भूमि पर लगान की निर्धारण प्रक्रिया शामिल है।
भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा
यह अभियान भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार ने इस अभियान के तहत लोगों से अपील की है कि वे समय पर अपने दस्तावेज़ जमा करें और सर्वेक्षण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से सहयोग करें। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भूमि के अधिकार में कोई असहमति या विवाद न हो। बिहार सरकार का यह कदम नागरिकों को जमीन से जुड़ी पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
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भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में किया जाएगा समाधान
इसके अलावा, सरकार ने यह भी कहा है कि भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में आने वाली किसी भी आपत्ति को सुना जाएगा और उसका समाधान किया जाएगा। यदि किसी भी व्यक्ति को अपनी भूमि के रिकॉर्ड में कोई समस्या महसूस होती है, तो उसे संबंधित अधिकारियों से अपनी आपत्ति दर्ज करानी होगी, और अधिकारियों द्वारा उसका समाधान किया जाएगा। इस तरह से सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सर्वेक्षण में कोई भी गड़बड़ी न हो और सभी भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
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बिहार सरकार की उम्मीद
इस अभियान से बिहार सरकार को उम्मीद है कि भूमि के रिकॉर्ड में सुधार होगा, भूमि विवादों में कमी आएगी, और नागरिकों को अपनी जमीन के मालिकाना हक से जुड़ी कोई भी परेशानी नहीं होगी। सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण अभियान में भाग लें और अपनी भूमि के रिकॉर्ड को सही कराएं। यह बिहार के विकास के लिए एक अहम कदम होगा, जो राज्य में भूमि के सही उपयोग और व्यवस्था को सुनिश्चित करेगा।