यूपी RO/ARO पेपर लीक में बड़ी कामयाबी,6 आरोपियों को STF ने किया गिरफ्तार

Mona Jha
By Mona Jha

UP RO/ARO paper leak : यूपी एसटीएफ की टीम ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की समीक्षा और सहायक समीक्षा अधिकारी 2023 प्रारंभिक परीक्षा लीक मामले 6 आरोपियों को प्रयागराज की कीडगंज से गिरफ्तार किया है.यूपी एसटीएफ ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया उनका नाम संदीप पांडेय, अमरजीत शर्मा, सुभाष प्रजापति, सुनील रघुवंशी, विवेक उपाध्याय और विशाल है.इस मामले में यूपी एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है.

UP RO/ARO paper leak

एसटीएफ ने बताया कि,भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस में सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी का प्रश्न पत्र छपा था. प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मदद से राजीव नयन मिश्रा ने आरओ-एआरओ का पेपर लीक करवाया था. सिपाही भर्ती परीक्षा के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा ने आरओ/एआरओ का पेपर लीक करवाया था।

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RO/ARO पेपर लीक में STF को बड़ी कामयाबी

एसटीएफ ने 21 अप्रैल को खुलासा किया था कि,आरओ/एआरओ परीक्षा का प्रश्नपत्र प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स कॉलेज केंद्र के अलावा एक अन्य जगह से भी लीक कराया गया.मेरठ जेल में बंद नकल माफिया राजीव नयन मिश्र से पूछताछ में पता चला था कि उसे ये पेपर उसके दोस्त सुभाष प्रकाश निवासी मधुबनी ने पहले ही भेजा था.

UP RO/ARO paper leak

इसके बाद से ही सुभाष की तलाश की जा रही थी।एसटीएफ को जांच में पता चला कि,परीक्षा का प्रश्नपत्र उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छपवाया गया था.एसटीएफ को ये भी पता चला कि,सिपाही भर्ती का पेपर आउट कराने वाला मास्टरमाइंड राजीव नयन भी अपने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ भोपाल में ही रह रहा था।

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STF ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

जांच में एक-एक करके कुल 6 नाम सामने आए,जिन्हें रविवार को सटीक सूचना पर प्रयागराज में कंडीगंज स्थित परेड ग्राउंड से मिंटो पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग से गिरफ्तार किया गया.इनमें मधुबनी का सुभाष प्रकाश, प्रयागराज का विशाल दुबे, संदीप पांडेय, गया का अमरजीत शर्मा और बलिया का विवेक उपाध्याय शामिल है।योजना के मुताबिक सुनील प्रश्नपत्र की छपाई पर नजर रखने लगा.

UP RO/ARO paper leak

प्रिंटिंग के दौरान यदि कोई प्रश्नपत्र स्याही आदि के कारण थोड़ा बहुत खराब हो जाता है तो उसे छांटकर अलग रखा जाता है और बाद में कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है.3 फरवरी को सुनील मशीन की मरम्मत के बहाने मौजूद था और मौका देखकर प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर पानी की बोतल लेकर प्रेस से बाहर आ गया.इन्हीं में वो एक प्रश्नपत्र भी छिपाकर बाहर लाया और इस तरह से पेपर लीक कराया गया।

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पेपर लीक के लिए की 10 लाख की डील

एसटीएफ की पूछताछ में सुनील ने बताया कि,प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के लिए उसकी राजीव नयन एंड कंपनी से 10 लाख की डील हुई थी उसने प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने ही पढ़वाए जाने की शर्त भी रखी ताकि व्यापक रूप से प्रश्नपत्र वायरल न होने जाए.इस पर राजीव नयन व उसके साथियों ने हामी भी भरी.बाद में सुभाष व विशाल ने इसकी फोटो राजीव नयन के मोबाइल पर भी भेजी जिसके बाद पेपर वायरल हुआ।

 paper leak

सुभाष प्रकाश का मोबाइल चेक करने पर पता चला कि,उसने प्रश्नपत्रों का फोटो खींचकर 9 फरवरी को रात साढ़े 10 बजे सामान्य हिंदी का प्रश्नपत्र क्रमांक 4131167 और 10 बजकर 32 मिनट बजे सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र क्रमांक 1398546 अपने गैंग के सदस्यों को व्हाट्सअप पर भेज दिया था.दोनों उसी क्रमांक वाले प्रश्नपत्र हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि,प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेसकर्मी सुनील की मदद से लीक कराया गया.राजीव नयन, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे एवं सुनील अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे…विशाल और सुनील 2014 से 2017 तक एकसाथ पढ़ाई करते थे।

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