UP में बड़ा घोटाला: सिद्धार्थनगर में महिलाओं के नाम पर लाखों का फर्जी Loan

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
प्रतीकात्मक इमेज

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) के बर्डपुर ब्लॉक की महिलाओं को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनके नाम पर लाखों रुपए का कर्जा लिया गया है। ये महिलाएं भूमिहीन और झोपड़ियों में रहने वाली हैं। बर्डपुर नंबर 11 के टोला पिपरी की निवासी पूनम, पत्नी मनोज, को उस समय बड़ा झटका लगा जब बैंक अधिकारी कर्ज वसूली के लिए उनके घर पहुंचे। एक महिला पूनम के नाम पर 30 से 35 हजार रुपए के 15 लोन निकाले गए हैं। इसी गांव की मंहती, पत्नी उदयराज, के नाम पर 9 माइक्रो फाइनेंस बैंकों से लोन लिया गया है।

Read more: Lucknow में योगी कैबिनेट की अहम बैठक आज, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

पुलिस जांच में हुआ खुलासा

महिलाओं द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद मामले की जांच शुरू हुई। जांच में सामने आया कि 2 किलोमीटर के दायरे में स्थित चार गांवों की 16 महिलाओं के नाम पर फर्जी तरीके से लोन निकाले गए हैं और उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है। लोन की राशि उनके खातों में जमा होने के बाद तुरंत निकाल ली गई। ठगी का शिकार हुई महिलाओं ने जब पुलिस से मदद मांगी, तो पुलिस ने इस मामले में बरगदही गांव की अनीता और सीएचसी संचालक सोमनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

Read more: BJD ने बढ़ाई BJP की टेंशन! नवीन पटनायक ने कर दिया खुला ऐलान

यह था फर्जीवाड़े का तरीका

पुलिस का दावा है कि आरोपी महिला बहला-फुसलाकर खाताधारकों के नाम पर खाता खुलवाती थी। सीएचसी संचालक के यहां से बिना खाताधारक के आए ही पैसे निकाले जाते थे। ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने का लालच देकर उनके नाम पर राष्ट्रीयकृत बैंक में खाते खोले जाते थे। इसके बाद माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से उनके नाम पर लोन लिया जाता था। एक-एक महिला के नाम पर 15-15 माइक्रो फाइनेंस बैंकों से लोन निकाला गया।

Read more: 1975 में लगे आपातकाल को लेकर CM Yogi का कड़ा प्रहार

माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर सवाल

पुलिस ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से पूछा है कि किस आधार पर स्वयं सहायता समूह का लोन स्वीकृत किया गया। एक नाम पर पहले से लोन होने के बावजूद दूसरी कंपनियां पूरी जांच-पड़ताल किए बिना कैसे ऋण दे रही थीं। पुलिस ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से खाता खोलते समय जमा सभी प्रपत्रों को उपलब्ध कराने के लिए कहा है। जमानतदारों के नाम की सूची भी मांगी गई है।

Read more: Lucknow में योगी कैबिनेट की अहम बैठक आज, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

राष्ट्रीयकृत बैंकों से जांच

राष्ट्रीयकृत बैंकों से खाता जमानतदार और केवाईसी (KYC) प्रपत्र भी मांगे गए हैं। अब तक पांच शाखाओं ने प्रपत्र उपलब्ध करा दिए हैं। दो शाखाओं से दस्तावेज नहीं मिले हैं। पांच बैंकों से इन महिलाओं के नाम पर करीब 35 लाख रुपए का लोन निकाला गया है, और यह राशि बढ़ने की संभावना है। मामले की विवेचना कर रहे एसआई को निर्देश दिया गया है कि पूरी पारदर्शिता के साथ जांच करें।

NEET Paper Leak Case: पेपरलीक का झाम कैसे बनेगा काम? रद्द होती परीक्षा कहाँ हो रही चूक?
Share This Article
Exit mobile version