प्राइवेट अस्पताल में बड़ी लापरवाही,डिलीवरी के बाद बच्चेदानी के साथ ही सील दी पेशाब नली…

Mona Jha
By Mona Jha

Uttar pradesh News : यूपी के देवरिया में एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरो की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां अस्पताल में चिकित्सकों ने आपरेशन के दौरान गर्भवती महिला के बच्चेदानी के साथ ही पेशाब की नली में भी टांका लगा दिया. टांका लगने की वजह से महिला की किडनी खराब हो गई.जब महिला हलात गंभीर होने लगी तो उसने अस्पताल से रेफर कर कर दिया. इतना ही नहीं इलाज के नाम पर आठ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखा गया. जब महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे गोरखपुर रेफर कर दिया गया. अब महिला का उपचार गंभीरावस्था में गोरखपुर में एक निजी अस्पताल में चल रहा है. महिला के ससुर रामसागर ने सीएमओ को शिकायत पत्र देकर आरोपियो पर खिलाफ कार्यवाही की मांग की है. इस मामले पर शिकायत मिलने के बाद सीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं।

Read more : Delhi में बड़ा ऐलान,ITO मेट्रो स्टेशन बंद करने का फैसला,सुरक्षा के कड़े इंतजाम..

क्या है पूरा घटना..

बता दे कि देवरिया के बघौचघाट थाना इलाके के मुंडेरा गांव के रहने वाले राम सागर पटेल की बहू गर्भवती थी. 19 जनवरी को अचानक पेट में दर्द हुआ तो वे पथरदेवा कस्बे के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर गए, जहां मरीज को भर्ती कर दिया गया और यहां के मेडिकल स्टाफ द्वारा बताया गया कि बच्चा नार्मल नही पैदा हो पाएगा. ऑपरेशन करना पड़ेगा. जिसके बाद ऑपरेशन किया गया, जिससे एक बच्ची पैदा हुई

लेकिन उनकी बहू की तबीयत बिगड़ने लगी.मरीज को पेशाब आनी बंद हो गई, उसे 8 दिन तक अस्पताल में ही रखा गया. इलाज में 50 हजार रुपये खर्च हो गए, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल की ओर से महिला को गोरखपुर रेफर करने के लिए कहा गया. पीड़ित राम सागर ने बताया कि फिर कुशीनगर के कसया में इलाज कराया और फिर गोरखपुर में भी इलाज कराए, लेकिन बहू की तबीयत बिगड़ती ही गई।

Read more : Bihar में बड़ा हादसा,30 से अधिक मजदूरों दबने की खबर…

सामने आया MOIC डॉक्टर का बयान..

इस पूरे मामले पर पथरदेवा के MOIC डाक्टर प्रभात रंजन ने आजतक से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि पीड़ित द्वारा सीएमओ दफ्तर और IGRS पोर्टल पर शिकायत की गई है. इसमें सीएमओ डाक्टर राजेश झा के निर्देश पर नोडल डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आरपी यादव के नेतृत्व में टीम गठित हुई है. अस्पताल के कागजात देखे जा रहे हैं और डॉक्टर्स की डिग्री चेक की जा रही है. उन्होंने बताया कि ये अस्पताल पहले भी सील किया जा चुका है. पथरदेवा कस्बे में बना ये अस्पताल काफी समय से चल रहा है और इसमें कई मरीजों की जान जा चुकी है. जिसके बाद इस पर एक्शन भी लिया गया है, लेकिन ये फिर कैसे शुरू हो गया।

Share This Article
Exit mobile version