Paper Leak: उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में भी परीक्षा पेपर लीक का सिलसिला शुरु हो गया है.बिहार शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण की परीक्षा का पेपर एक दिन पहले ही आउट हो चुका था इसका खुलासा जांच कर रही ईओयू ने किया है.ईओयू ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि,सॉल्वर गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और करीब 300 परीक्षार्थियों को हिरासत में लिया है.सॉल्वर गैंग के जिन 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है सभी बिहार के रहने वाले हैं।
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ईओयू ने कई जगह की छापेमारी
ईओयू की जांच में ये भी पता चला है कि,सॉल्वर गैंग के सदस्य पेपर लीक करके 270 से ज्यादा अभ्यर्थियों को पास कराने की फिराक में थे.इन अभ्यर्थियों को कोहिनूर होटल में ठहराया गया था जहां प्रोजेक्टर लगवाकर इन्हें प्रश्न पत्रों के उत्तर को रटाया जा रहा था.आपको यहां बता दें कि,ईओयू ने परीक्षा पेपर लीक मामले में जब पटना और हजारीबाग में कई जगह छापेमारी की तो गिरोह के सदस्यों के पास से उन्हें अलग-अलग परीक्षा केंद्रों के एडमिट कार्ड,अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र,50 हजार रुपये का ब्लैंक चेक,लगभग 50 मोबाइल,लैपटॉप, प्रिंटर,पेन ड्राइव जब्त किया है.जांच में पता चला है कि,सॉल्वर गैंग के सदस्यों ने प्रति अभ्यर्थी दस लाख रुपये डील तय की थी।
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शिक्षक भर्ती पेपर लीक पर नीतीश सरकार को घेरा है और कहा कि,17 महीने में कोई पेपर लीक हुआ था क्या…इसी को असल में माफिया राज कहते हैं,अद्भुत है कि सरकार बदलते ही एडमिट कार्ड के पीछे उत्तर लिखे हैं.देश में ऐसा कहीं नहीं हुआ.कुछ लोग माफिया राज खत्म करने की बात करते हैं लेकिन हकीकत में क्या हो रहा है.70 दिनों में 2 लाख से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र हमने बांटा एक पेपर लीक हुआ हो तो बता दें….इनका राज आते है फिर से पेपर लीक।
राहुल गांधी ने जताई अपनी चिंता
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी यूपी के बाद बिहार में परीक्षा पेपर लीक मामले में सरकार को घेरा है.राहुल गांधी ने छात्रों के भविष्य को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि,लापरवाह सरकार,भ्रष्ट अधिकारी नकल माफिया और निजी प्रिंटिंग प्रेस के आपराधिक गठजोड़ को खत्म कर हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरुरत है.जब मैंने छात्रों से बात की तो उन्होंने बताया कि,पेपर लीक की 3 मुख्य वजह हैं…पहला बिका हुआ सरकारी तंत्र,दूसरा निजी प्रिंटिंग प्रेस और तीसरा भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके अधीनस्थ सेवा चयन आयोग।
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