MoE New Coaching Guidelines : कोचिंग संस्थानों को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार ने फैसला लेते हुए कहा कि जो भी कोचिंग संस्थान प्रोफेशनल कोर्स की ट्रेनिंग देती है, अब उसे सरकार के अंतर्गत खुद को रजिस्टर करवाना होगा। केंद्र सरकार के द्वारा रेजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन का कोचिंग सेंटर 2024 के तहत बनाई गई गाइडलाइंस को केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेज दिया गया है। ताकि वह उन्हें लागू करवाएं।
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16 से कम उम्र के छात्र का नामांकन संस्थान में नहीं होगा
दरअसल, केंद्र सरकार ने ये फैसला कोचिंग संस्थान पर लगाम लगाने के लिए लिया है। बीते दिन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संस्थानों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए है। सरकार का ऐसा मानना है कि सरकार के इस कदम से देश में बढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या के मामलों में भी कमी आएगी। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार कोई भी कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के छात्र का नामांकन अपने संस्थान में नहीं कर सकते है।
जानें क्या कहती है नई गाइडलाइंस?
- बता दे कि सरकार ने कोचिंग संस्थानों को साफ निर्देश दिया है कि अब वो न तो अच्छी रैंक की गारंटी दे सकते हैं और न ही गुमराह करने वाले बड़े-बड़े वादे कर सकते हैं।
- पहले की तरह अब कोचिंग संस्थान स्नातक से कम शिक्षा वाले ट्यूटर को भी नियुक्त नहीं कर सकते हैं।
- अब छात्रों का नामांकन सिर्फ सेकेंडरी स्कूल एक्जामिनेशन के बाद ही अब करना होगा।
- कोचिंग संस्थानों को अब वेबसाइट भी बनानी होगी। इन साइट्स पर ट्यूटरों की शैक्षिक योग्यता, पाठ्यक्रमों, उन्हें पूरा किए जाने की अवधि, छात्रावास की सुविधाएं और कितनी फीस ली जा रही है उसका ताजा विवरण होगा।
- किसी भी कोचिंग संस्थान का अब तब तक पंजीकरण नहीं होगा, जब तक कि उसके पास काउंसलिंग सिस्टम नहीं होगा।
- सरकार का मानना है कि अवसाद या तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए संस्थानों के पास ये तंत्र होना जरूरी है।
- विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए कोचिंग सेंटर्स को ट्यूशन फीस उचित रखनी होगी। अब फीस की रसीद भी अनिवार्य होगी।
- अगर छात्र अपने पाठ्यक्रम की पूरी फीस का भुगतान कर देता है और वह पाठ्यक्रम को बीच में छोड़ देता है तो उसे 10 दिनों के भीतर बाकी की फीस रिफंड की जाएगी।
- केंद्र सरकार ने इसी के साथ सुझाव दिया है कि अगर कोचिंग सेंटर ज्यादा फीस वसूलते हैं तो उन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इसके साथ ही संस्थान का पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है।
- इन दिशानिर्देशों के प्रभावी होने के तीन महीनों के भीतर नए एवं पहले से मौजूद कोचिंग सेंटरों को अब पंजीकरण कराने का भी सरकार ने प्रस्ताव रखा है।
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