Bharat Bandh: उपचुनाव से पहले BSP की नई रणनीति! UP में भारत बंद का किया समर्थन..BJP और सपा की बढ़ाई टेंशन

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Bharat Band

Bharat Bandh: आज अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया गया है. यह बंद विभिन्न दलित संगठनों द्वारा आयोजित किया गया है और इसका व्यापक असर देश के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. विपक्षी दलों ने भी इस बंद का समर्थन किया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराया है. यह स्थिति भारतीय जनता पार्टी (BJP), समाजवादी पार्टी (सपा), और कांग्रेस के लिए उपचुनाव से पहले मुश्किलें खड़ी कर सकती है.

Read More:Kannauj में किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में फरार चल रही आरोपी बुआ गिरफ्तार

बसपा का सक्रिय समर्थन

बताते चले कि बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) इस मुद्दे पर शुरू से ही मुखर रही हैं और दशकों बाद पार्टी ने भारत बंद (Bharat Bandh) के समर्थन में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है. खासकर जब यूपी में बसपा का एक भी सांसद नहीं है और केवल एक विधायक है, तब भी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत इस बंद को सफल बनाने में झोंक दी है. बसपा के समर्थन से यूपी में भारत बंद को नई ताकत मिली है, और बड़ी संख्या में एससी-एसटी समाज के लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रदर्शन और उसके प्रभाव

आपको बता दे कि बसपा के समर्थन के बाद भारत बंद (Bharat Bandh) ने प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रभाव डाला है. आगरा और हाथरस समेत कई अन्य जगहों पर लोगों की भीड़ सड़कों पर नजर आई है, जिससे यातायात और रेल सेवाओं पर असर पड़ा है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बंद का समर्थन करते हुए भाजपा और कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी षडयंत्र का आरोप लगाया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने के लिए शांति पूर्ण प्रदर्शन की अपील की. उन्होंने कहा कि आरक्षण के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Read More:Vande Bharat Express के खाने में मिला कॉकरोच..जमकर हुआ बवाल,सोशल मीडिया पर Video वायरल

मायावती और पार्टी की स्थिति

बसपा के उत्तराधिकारी और मायावती (Mayawati) के भतीजे आकाश आनंद ने भी भारत बंद (Bharat Bandh) को समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि यह बंद यह दिखाता है कि बाबा साहेब आंबेडकर, मान्यवर कांशीराम, और मायावती ने कितनी बड़ी वैचारिक और राजनीतिक ताकत प्रदान की है. इस समर्थन से बसपा के वोटर्स में नई ऊर्जा आई है और यह साबित करता है कि पार्टी का जनाधार अभी भी मजबूत है. लोकसभा चुनाव के दौरान दलित वोटर्स का इंडिया गठबंधन में शामिल होना एक चुनौती थी, लेकिन मायावती की सक्रियता के बाद माना जा रहा है कि बसपा अपने वोटरों में पुनः पैठ बनाने में सफल हो रही है.

बसपा और अन्य दलों का समर्थन

भारत बंद (Bharat Bandh) ने सुप्रीम कोर्ट के क्रीमी लेयर संबंधी फैसले के विरोध में देशभर में जनाक्रोश को उजागर किया है. बसपा और अन्य दलों के समर्थन से इस बंद को व्यापक जनसमर्थन मिला है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दलित और पिछड़े वर्ग के मुद्दे पर जनता की संवेदनशीलता और राजनीतिक गतिविधियाँ लगातार सक्रिय हैं.

Read More:Delhi-NCR में टैक्सी किराए में बढ़ोतरी..मनमाना किराया वसूल रहे टैक्सी चालक,हड़ताल की बनाई योजना

Share This Article
Exit mobile version