दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। पार्टी के सात विधायकों ने एक-के-बाद-एक इस्तीफे दे दिए हैं। इन विधायकों ने अपनी इस्तीफों के पीछे की वजहें चिट्ठी के जरिए सार्वजनिक की हैं, जिससे पार्टी और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। इस्तीफे देने वाले विधायक दिल्ली विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों से चुने गए थे और उन्होंने अपनी चिट्ठियों में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जो पार्टी के आंतरिक मुद्दों को लेकर हैं।
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कौन-कौन से विधायक इस्तीफा देने वाले थे?

इस इस्तीफा देने वालों में प्रमुख नाम हैं—शिव चौहान, राघव चड्ढा, सीमा जोशी, जया तिवारी, अशोक वर्मा, सुरेश कुमार और रजनीश सिंह। इन सात विधायकों ने अपनी-अपनी चिट्ठी में पार्टी की नीतियों, निर्णयों और नेतृत्व के खिलाफ अपनी असहमति जाहिर की है।
विधायकों के इस्तीफे की वजहें
विधायकों ने अपनी चिट्ठियों में कई मुद्दों का जिक्र किया है, जिनमें सबसे प्रमुख पार्टी के भीतर के आंतरिक संघर्ष और नेताओं द्वारा स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करना शामिल है। एक विधायक ने कहा कि पार्टी नेतृत्व सिर्फ चुनावों के समय ही कार्यकर्ताओं से संपर्क करता है, लेकिन चुनावों के बाद उनकी उपेक्षा की जाती है।इसके अलावा, कुछ विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा निर्णय एकतरफा लिए जाते हैं, जिससे पार्टी के कई कार्यकर्ता और विधायक निराश होते हैं। इन इस्तीफों के बाद दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है, और इस मामले ने आम आदमी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है।
AAP का बयान

इस्तीफों के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया कि पार्टी का ध्यान सिर्फ दिल्ली की जनता की सेवा पर है और यह चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। पार्टी ने यह भी कहा कि जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, वे अपनी स्वार्थी राजनीति के कारण इस कदम को उठा रहे हैं और पार्टी में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ पांच दिन बाकी हैं, और इन इस्तीफों के बाद आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण बन गया है, क्योंकि विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस इस मौके को भुनाने में जुट गए हैं।
क्या होगा आगे?

इस घटनाक्रम ने दिल्ली के आगामी चुनावों के परिणामों पर असर डालने की संभावना को बढ़ा दिया है। यदि इन इस्तीफों के बाद और विधायक पार्टी छोड़ते हैं, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए गंभीर संकट पैदा कर सकता है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए आम आदमी पार्टी की राजनीति को आड़े हाथों लिया है।दिल्ली विधानसभा चुनाव अब एक नई दिशा में मुड़ चुका है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस इस्तीफा संकट के बाद आम आदमी पार्टी अपनी स्थिति कैसे संभालती है।