Basant Panchami Amrit Snan:प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला में देश-विदेश से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं। महाकुंभ में हर साल शाही स्नान की परंपरा होती है, जो विशेष दिनो पर आयोजित किया जाता है। इस साल के महाकुंभ में अब तक तीन शाही स्नान हो चुके हैं, जिनमें से 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का तीसरा अमृत स्नान हुआ था। लेकिन अब श्रद्धालुओं का ध्यान अगले शाही स्नान पर केंद्रित है, जो बसंत पंचमी के दिन आयोजित होगा।
बसंत पंचमी का खास महत्व

बसंत पंचमी हिंदू धर्म में एक विशेष पर्व है, जो ज्ञान, विद्या और संस्कृति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी का दिन महाकुंभ के साथ एक दुर्लभ और अद्भुत संयोग में आया है। इस दिन को पवित्र अमृत स्नान के रूप में मनाया जाएगा। यह स्नान विशेष रूप से पवित्र माना जाता है और इसके साथ जुड़ी धार्मिक मान्यताएं इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।
अमृत स्नान का मुहूर्त और महत्व
महाकुंभ के दौरान बसंत पंचमी पर आयोजित होने वाला अमृत स्नान 3 फरवरी 2025 को होगा। इस दिन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:23 बजे से 6:16 बजे तक रहेगा। इस खास समय में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी पापों का नाश माना जाता है। इसके अलावा, इस मुहूर्त में स्नान करने से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।

अमृत स्नान की परंपरा महाकुंभ मेला में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, और यह भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होता है। इस दिन स्नान करने से विश्वास किया जाता है कि सभी दुख और पापों का नाश हो जाता है, और व्यक्ति के जीवन में आशीर्वाद की बौछार होती है।
महाकुंभ के शाही स्नान की सूची

महाकुंभ मेला 2025 में अब तक तीन शाही स्नान हो चुके हैं, जिनमें से मौनी अमावस्या का स्नान प्रमुख था। इसके बाद, बसंत पंचमी पर अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालु बहुत उत्साहित हैं, क्योंकि यह अवसर एक दुर्लभ संयोग के रूप में आएगा। इस दिन होने वाला स्नान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी प्रदान करता है।