Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हो रहें अत्याचारों की जांच के लिए UN टीम का दौरा, 1971 के बाद पहली बार पहुंचेगी

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
UN team will visit Bangladesh

Bangladesh Violence: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने घोषणा की है कि संयुक्त राष्ट्र अगले सप्ताह एक जांच टीम बांग्लादेश भेजेगा। यह टीम जुलाई और अगस्त में हुए छात्र क्रांति के दौरान किए गए अत्याचारों की जांच करेगी। यह घोषणा गुरुवार को की गई, जब यूनुस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर यह जानकारी साझा की। बांग्लादेश (Bangladesh) में जुलाई और अगस्त की शुरुआत में छात्र क्रांति के दौरान प्रदर्शनकारियों पर हुए अत्याचारों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र की टीम का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में कई निर्दोष छात्रों की हत्या की गई थी। आपको बता दें कि शेख हसीना ने 5 अगस्त को हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और भारत भाग गई थीं। इसके कुछ दिनों बाद, 8 अगस्त को, मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली।

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संयुक्त राष्ट्र की जांच टीम की घोषणा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने बुधवार देर रात मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को फोन करके इस जांच टीम के दौरे की घोषणा की। यह टीम बांग्लादेश में मानवाधिकारों के हनन की जांच करेगी। वोल्कर तुर्क ने अपने समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि एक समावेशी, मानवाधिकार-केंद्रित दृष्टिकोण से ही परिवर्तन सफल हो सकता है। मुहम्मद यूनुस ने अपने पोस्ट में कहा कि मानवाधिकार उनके प्रशासन की आधारशिला होंगे और प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांगा है। यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने छात्रों की क्रांति का समर्थन किया और छात्र प्रदर्शनकारियों की हत्याओं के दौरान उनके अधिकारों की वकालत की।

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अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में दर्ज हुई शिकायत

बुधवार को बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की जांच एजेंसी में एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शेख हसीना और आठ अन्य के खिलाफ छात्रों के जन आंदोलन के दौरान नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया। जुलाई के मध्य से सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 500 से अधिक लोग मारे गए थे। 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र की टीम मानवाधिकारों के हनन की जांच के लिए बांग्लादेश का दौरा करेगी। यह दौरा अत्याचारों की सच्चाई को उजागर करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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संयुक्त राष्ट्र की टीम की जांच प्रक्रिया

संयुक्त राष्ट्र की टीम बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे से पहले और बाद में हुई प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच करेगी। यह टीम मानवाधिकारों के उल्लंघन के सभी पहलुओं की जांच करेगी और प्रभावित परिवारों से मिलकर साक्ष्य जुटाएगी। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने अपने पोस्ट में कहा, “हम मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम करेंगे। यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है कि बांग्लादेश के हर नागरिक को न्याय मिले और किसी भी प्रकार का अत्याचार बर्दाश्त न किया जाए।”

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संयुक्त राष्ट्र से सहयोग की उम्मीद

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा कि एक समावेशी और मानवाधिकार-केंद्रित दृष्टिकोण से ही बांग्लादेश में स्थायी शांति और विकास संभव है। उन्होंने यूनुस को इस दिशा में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। मुख्य सलाहकार यूनुस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का सहयोग बांग्लादेश में मानवाधिकारों की रक्षा और न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह जांच टीम अत्याचारों की सच्चाई को उजागर करेगी और दोषियों को सजा दिलाएगी।

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