Bangladesh Violence:बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 फरवरी को फेसबुक लाइव के जरिए अपनी पार्टी, आवामी लीग के समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में उनकी हत्या की योजना और अपने ऊपर किए गए हमलों के बारे में खुलकर बात की। हसीना ने यह भी बताया कि मोहम्मद यूनुस, जो बांग्लादेश के एक प्रमुख व्यक्ति हैं, ने उनकी और उनकी बहन की हत्या करने की साजिश रची थी।

शेख हसीना ने फेसबुक लाइव में यह आरोप भी लगाया कि बांग्लादेश में उनके खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा है और उन्हें मारने के लिए एक साजिश की जा रही है। उनका कहना था, “अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों के बावजूद जिंदा रखा है, तो इसका मतलब है कि मुझे कुछ बड़ा करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता, तो मैं इतनी बार मौत को मात नहीं दे पाती।”
आवास पर हमला और तोड़फोड़
अपने संबोधन के तुरंत बाद, ढाका में प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास पर हमला किया। यह आवास बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है, लेकिन हमलावरों ने यहां जमकर तोड़फोड़ की। घर के भीतर मौजूद सामानों को लूट लिया गया और फिर बुलडोजर से उस ऐतिहासिक घर को ढहा दिया गया।

शेख हसीना ने इस हमले पर भी अपनी नाराजगी जताई और कहा कि अगर लोगों ने उनके घर को आग लगाई, तो वह समझ नहीं पा रही हैं कि बांग्लादेश में उनके खिलाफ यह गुस्सा क्यों है। उन्होंने अपने संबोधन में सवाल उठाया, “क्या मैंने अपने मुल्क के लिए कुछ नहीं किया? हमसे ऐसा अपमान क्यों किया जा रहा है?” उनका यह बयान बांग्लादेश में व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता और उनके खिलाफ हो रहे हमलों को लेकर उनके गहरे दुःख और चिंता को दिखाता है।
इतिहास नहीं मिटाया जा सकता

शेख हसीना ने अपने बयान में यह भी कहा, “घर मिटा सकते हो, लेकिन इतिहास को मिटा नहीं सकते।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की हिंसा और तोड़फोड़ से बांग्लादेश के इतिहास को बदलने की कोशिश नहीं की जा सकती। उनका यह बयान बांग्लादेश के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह खुद बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम और विकास के प्रतीक मानी जाती हैं।
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न्याय की मांग

आखिर में, शेख हसीना ने बांग्लादेश के लोगों से न्याय की अपील की और कहा कि वह चाहती हैं कि उनके साथ किए गए अन्याय का न्याय हो। उनका यह संदेश बांग्लादेश के लोगों के लिए था, ताकि वे समझ सकें कि उनके लिए यह एक संघर्ष है, जिसमें न केवल व्यक्तिगत बलिदान है, बल्कि राष्ट्र के लिए किए गए योगदान को भी नकारा नहीं किया जा सकता।