Bangladesh Violence: 300 मौतें, हजारों घायल, और अनिश्चितकालीन कर्फ्यू -जानें इस देश को क्यों जला रही है आग?

Mona Jha
By Mona Jha
Bangladesh Violence
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Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हाल ही में हिंसा की घटनाओं ने देश को चौंका दिया है। यहां सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और समर्थकों के बीच बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति के कारण अब तक कई लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोगों को घायल किया गया है। सरकार ने इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए देशभर में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवाओं पर भी पाबंदी लगा दी गई है। पुलिस ने छात्रों पर गोली चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की रिपोर्टें भी आई हैं।

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प्रदर्शनकारियों की पुलिस से 20 जिलों में झड़प

छात्र देश में असहयोग अभियान चला रहे हैं। रविवार को पुलिस बलों और प्रदर्शनकारियों की कम से कम 20 जिलों में झड़प हुई। प्रदर्शनकारी लगातार प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री शेख हसीना पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाए रखना चाहते हैं।

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क्या है प्रदर्शनकारियों की डिमांड?

बांग्लादेश(Bangladesh)में हाल ही में सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर विवाद संभावित हो गया है, जिसके कारण देशव्यापी हिंसा की घटनाएं फैल गई हैं। यहां आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों और समर्थकों के बीच टकराव हो रहा है। बांग्लादेश (Bangladesh)में सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण का प्रावधान है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिवार के लिए विशेष आरक्षण शामिल है।इस विवाद के बारे में जानकारी देने वाले समाचारों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप है कि आरक्षण प्रणाली में अन्यायपूर्णता है और यह उनके संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।

वे आरक्षण के प्रति विरोध प्रकट करके सरकार से उसकी समाप्ति और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।इस समय, बांग्लादेश में हालात बहुत तनावपूर्ण हैं और शांति स्थिति को बनाए रखने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जैसे कि कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाना। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसात्मक संघर्ष भी रिपोर्ट किए गए हैं, जिसमें कई लोगों की मौत और घायल होने की खबरें हैं।

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जानें क्या है आरक्षण विवाद?

बांग्लादेश (Bangladesh)में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों और प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप है कि सरकार द्वारा दी गई 30% आरक्षण, जो स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिवार वालों के लिए है, उसमें अन्यायपूर्णता है। उनका कहना है कि इस आरक्षण के चलते मेरिट के आधार पर नौकरियां देने में बाधा उत्पन्न हो रही है और यह सिस्टम उनके भविष्य को उजाड़ रहा है।

इस विवाद के संबंध में छात्रों और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार इस आरक्षण प्रणाली का समर्थन कर रही है, जिससे वे स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिवारों के समर्थन में दिखाई दे रही हैं। इसके बजाय, वे मांग कर रहे हैं कि सरकार को मेरिट और समानता के सिद्धांत पर नौकरियां प्रदान करनी चाहिए।

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पिछले महीने हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए

बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण की कोटा प्रणाली को लेकर पिछले महीने हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जैसे-जैसे यह प्रदर्शन तेज होता गया, सुप्रीम कोर्ट ने कोटा घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया, जिसमें से 3 प्रतिशत सेनानियों के रिश्तेदारों को दिया गया।

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