Bangladesh Violence: बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद, उन्होंने बांग्लादेश छोड़ दिया और सोमवार शाम 5:36 बजे उनका विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड किया। एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने शेख हसीना का स्वागत किया। माना जा रहा है कि शेख हसीना भारत से लंदन के लिए रवाना होंगी।
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सेना प्रमुख को सौंपा इस्तीफा

सूत्रों के अनुसार, शेख हसीना ने अपना इस्तीफा सेना प्रमुख जनरल जमां को सौंपा है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल जमां ने कहा है, “हमने सभी राजनीतिक दलों के साथ सार्थक चर्चा के बाद देश में अंतरिम सरकार बनाने का फैसला किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे स्थिति को सुलझाने के लिए राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से बातचीत करेंगे। जनरल जमां ने हिंसा को रोकने का आह्वान किया और कहा कि नई सरकार भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हुई सभी मौतों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी।
भारत में रिफ्यूलिंग के बाद लंदन रवाना
शेख हसीना का विमान हिंडन एयरबेस पर लैंड हुआ है, जहां विमान की रिफ्यूलिंग की जाएगी। इसके बाद वह लंदन के लिए रवाना होंगी। सूत्रों के मुताबिक, भारत के विदेश मंत्रालय से किसी के उनसे मिलने की संभावना है। विमान की दूसरी बार रिफ्यूलिंग खाड़ी देशों, खासकर सऊदी अरब में होने की संभावना है। इसके बाद शेख हसीना का विमान लंदन की ओर रवाना हो जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियां कर रही थीं निगरानी
भारत की सुरक्षा एजेंसियां बांग्लादेश से लगी भारतीय सीमा से 10 किलोमीटर दूर कॉल साइन AJAX1431 वाले C-130 विमान की निगरानी कर रही थीं। बताया गया था कि शेख हसीना और उनके दल के कुछ सदस्य इस विमान में हैं। बांग्लादेश एयरफोर्स का यह विमान झारखंड, बिहार जैसे राज्यों के रास्ते यूपी के गाजियाबाद पहुंचा।
300 से अधिक लोगों की मौत

देश में जून से जारी अशांति में अब तक 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिससे यह बांग्लादेश के इतिहास में नागरिक अशांति का सबसे घातक दौर बन गया है। एक दिन पहले, रविवार को देशभर में हुई हिंसक झड़पों में करीब 100 लोग मारे गए।
कोटा विरोधी प्रदर्शन से शुरू हुई अशांति
बांग्लादेश में कोटा विरोधी प्रदर्शन जून में शुरू हुए थे, जब उच्च न्यायालय ने 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत कोटा बहाल कर दिया था। न्यायालय ने 2018 के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें ऐसे कोटा समाप्त कर दिए गए थे। इस फैसले के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और धीरे-धीरे यह हिंसक रूप ले लिया। बांग्लादेश में हुई इस अशांति और हिंसा के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि जनता की नाराजगी और उनके प्रति सरकार की उदासीनता ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। शेख हसीना का इस्तीफा और देश छोड़ना इस बात का संकेत है कि स्थिति काबू से बाहर हो चुकी है।
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