Bangladesh Hindus Violence: हाल ही में बांग्लादेश (Bangladesh) में जमकर हिंसा और बवाल हुआ, जिसमें सैकड़ों लोगों की जानें गईं और हजारों लोग घायल हुए. देश में राजनीतिक घटनाक्रम और सत्ता परिवर्तन के बाद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं. इस हिंसा के कारण देश में असंतोष और तनाव फैल गया है, और कई स्थानों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं.
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संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार टीम का आगामी दौरा
इस हिंसा की स्थिति की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक मानवाधिकार टीम अगले हफ्ते बांग्लादेश का दौरा करेगी. इस टीम का दौरा बांग्लादेश में हाल में हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन की जांच करने के लिए है. टीम ढाका में सरकार के साथ बैठक करेगी, जिसमें मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की जांच पर चर्चा की जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने शुक्रवार को कहा कि मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने यूएन मानवाधिकार कार्यालय द्वारा बांग्लादेश (Bangladesh) को दी जाने वाली सहायता और जवाबदेही पर चर्चा की है. हक ने बताया कि मानवाधिकार टीम अंतरिम सरकार के साथ “सहायता के क्षेत्रों और हालिया हिंसा और अशांति के संदर्भ में मानवाधिकार हनन की जांच के तौर-तरीकों” पर चर्चा करेगी.
वोल्कर तुर्क की टिप्पणी
मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने जिनेवा में एक बयान में कहा कि बांग्लादेश (Bangladesh) में सभी मानवाधिकार उल्लंघनों और दुर्व्यवहारों की व्यापक, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उनका बयान हिंसा के बाद बांग्लादेश में स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है और जांच की आवश्यकता को रेखांकित करता है.
बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले
मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर व्यापक हमले हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 5-6 अगस्त को बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों पर हमला किया गया, और इनमें तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. कई मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया, जिसमें खुलना डिवीजन के मेहरपुर में स्थित इस्कॉन मंदिर शामिल है, जिसे तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई.
मानवाधिकार पर सरकार की प्रतिक्रिया
मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि उनकी सरकार के लिए मानवाधिकार एक आधारशिला हैं और नागरिकों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए सहयोग की अपील की है. यूनुस ने बांग्लादेश (Bangladesh) में मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच और संबंधित सहायता की मांग की है, ताकि हिंसा और अशांति को नियंत्रित किया जा सके.
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