Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद परिवार ने आरोप लगाया था कि अंसारी की हत्या जहर देकर की गई है, न कि हार्ट अटैक से। अब इस विवाद पर रोक लगाते हुए, मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई थी, न कि जहर देने से।
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मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट का खुलासा
जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि अंसारी की मौत का कारण मायोकॉर्डियल इन्फॉर्क्शन (हार्ट अटैक) था। रिपोर्ट के अनुसार, जहर देने की बात को पूरी तरह खारिज कर दिया गया है। एडीएम वित्त और राजस्व राजेश कुमार द्वारा संपादित इस रिपोर्ट ने सभी आरोपों को गलत ठहराया है। एडीएम राजेश कुमार ने लगभग पांच महीनों की जांच के बाद इस रिपोर्ट को शासन को सौंपा। इस दौरान 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें जेल अधिकारी, डॉक्टर और सुरक्षाकर्मी शामिल थे। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज, बैरक की जांच और खाने की सामग्री की भी जांच की गई।
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जांच रिपोर्ट आयी सामने
जांच के दौरान, बैरक में पाए गए गुड़, चना और नमक के नमूनों की विष विज्ञान प्रयोगशाला में जांच की गई। जांच में किसी भी प्रकार के जहर की पुष्टि नहीं हुई। इसके साथ ही, बैरक में मिले उल्टी के नमूनों की भी जांच की गई, जिसमें भी कोई विषाक्त पदार्थ नहीं पाया गया। जांच रिपोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि अंसारी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। अब इस रिपोर्ट के बाद, यह मामला समाप्त हो जाता है, और रिपोर्ट के अनुसार जेल प्रशासन की कोई भी लापरवाही नहीं पाई गई है।
परिवार ने लगाए आरोप
मुख्तार अंसारी के परिवार ने शुरुआत में उनके मौत की स्वाभाविकता पर सवाल उठाया था। उनके बेटे उमर अंसारी ने पंचनामा में लिखा था कि पिता की मौत स्वाभाविक नहीं है और नाक-कान से खून निकल रहा था। इसके अलावा, मुख्तार के भाई और सपा सांसद अफजाल अंसारी ने भी जहर देकर हत्या का आरोप लगाया था।