Baisakhi 2025: आज मनाई जा रही बैसाखी, जानें सिख धर्म के लिए क्यों है खासहिंदू पंचांग का दूसरा महीना वैशाख आज यानी 13 अप्रैल दिन रविवार से आरंभ हो चुका है। वैशाख माह के पहले दिन बैसाखी का पर्व मनाया जाता है। सिख धर्म को मानने वालों के लिए यह पर्व बेहद ही खास होता है। जो कि पंजाब में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
इस पर्व को फसल कटकर घर आने की खुशी में मनाया जाता है। बैसाखी का त्योहार खालसा पंथ की स्थापना से भी जुड़ा माना जाता है। इस साल बैसाखी का त्योहार 13 अप्रैल दिन रविवार यानी आज मनाया जा रहा है, तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा इस पर्व से जुड़ी अहम जानकारी आपको प्रदान कर रहे हैं।
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बंगाल में नए वर्ष का आरंभ
पंजाब में वैशाख माह के पहले दिन बैसाखी मनाई जाती है। वहीं असम में बिहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु नाम से जाना जाता है। बंगाल में इसी दिन नववर्ष का भी आरंभ माना जाता है।
गुरुद्वारे में भजन कीर्तन
बता दें कि सिख समुदाय के लोग बैसाखी के पावन दिन पर ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते हैं। गुरुद्वारे में विशेष पूजा पाठ और भजन कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन भक्तों के लिए खास तरह का अमृत भी तैयार होता है। जो भक्त पंक्ति में लगकर पांच बार ग्रहण करते हैं।
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सूर्यदेव मेष में करेंगे प्रवेश
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस दिन ग्रहों के राजा सूर्य मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन से ही वैशाख का आरंभ हो जाता है। वैशाख माह के दिन सूर्य एक राशि चक्र को पूरा करता है। इस साल 13 अप्रैल को देर रात सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए वैशाख माह की शुरुआत आज यानी 13 अप्रैल दिन रविवार से हो रही है और इसी पावन दिन सिखों का पर्व बैसाखी भी मनाया जा रहा है।
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खालसा पंथ की स्थापना
सिख धर्म की मानें तो इसी पावन दिन सिख पंथ के 10वें गुरु श्री गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। साथ ही बैशाख में रबी की फलस पककर तैयार हो जाती है। नई फलस को काटने और उसे घर लाने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है।