Maha Kumbh 2025: योग गुरु बाबा रामदेव ने बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महाकुंभ 2025 के अवसर पर महामंडलेश्वर बनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बाबा रामदेव ने इस पर कहा कि संतत्व हासिल करने के लिए एक व्यक्ति को कई वर्षों तक तपस्या करनी पड़ती है, और यह एक दिन में नहीं होता। उन्होंने इस संदर्भ में ममता कुलकर्णी के एकदम से संत बनने पर सवाल उठाए और इसे अनुचित बताया।
बाबा रामदेव का मानना है कि यह एक पवित्रता का विषय है, जिसे किसी भी व्यक्ति को आसानी से नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग बिना किसी उपासना और साधना के अचानक संत और महामंडलेश्वर बन जाते हैं, जो इस परंपरा और संस्कृति का मजाक उड़ाने जैसा है। रामदेव ने यह भी कहा कि वह इस तरह के तथाकथित संतत्व को बढ़ावा देने की बजाय असली सनातन धर्म की महिमा को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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महाकुंभ और रील संस्कृति पर नाराजगी
बाबा रामदेव ने महाकुंभ के नाम पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैलाई जा रही फूहड़ता पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सनातन संस्कृति का एक पवित्र पर्व है, जो हमारे विश्वास, परंपरा और इतिहास से जुड़ा हुआ है। इसे अश्लीलता, नशा और अनुचित व्यवहार के साथ जोड़ना उचित नहीं है। रामदेव ने कुंभ के वास्तविक सार को बताते हुए कहा कि यह पर्व व्यक्ति को मनुष्यता से देवत्व, ऋषित्व और ब्रह्मत्व की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि केवल नाम के साथ सनातन शब्द जोड़ना या कुछ छिछोरे शब्दों से सनातन धर्म का प्रचार करना, असली सनातन को समझने और जीने के बराबर नहीं है। असली सनातन वही है जो शाश्वत सत्य है, जिसे कोई भी झुठला नहीं सकता।
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साधु बनने का कठिन रास्ता
बाबा रामदेव ने यह भी स्पष्ट किया कि संत और महामंडलेश्वर बनने के लिए कठिन साधना और तपस्या की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर चलने में वर्षों का समय लगता है, और एक दिन में कोई भी संत नहीं बन सकता। उन्होंने यह उदाहरण दिया कि उन्होंने और उनके साथी साधुओं ने साधुता को प्राप्त करने के लिए 50-50 वर्षों का समय और तपस्या की है।
बाबा रामदेव ने कहा कि आजकल यह देखा जा रहा है कि बिना किसी साधना के लोग आसानी से संत या महामंडलेश्वर बन जाते हैं, जिसे वह गलत मानते हैं। इसके पहले, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर अपनी आपत्ति जताई थी।