संवाददाता:अमन गुप्ता
Azamgarh: आजमगढ़ के दीदारगंज थाना क्षेत्र में ग्राम खरसहन खुर्द के निवासी ओम प्रकाश को मुख्यालय में कमिश्नर से शिकायत करना भारी पड़ गया।जब वह जिले के मंडलायुक्त के पास जमीनी विवाद की शिकायत कर घर की ओर निकले लेकिन तभी कार्यालय गेट के पास पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उनको जान से मारने की धमकी देते हुए उनके साथ मारपीट कर मोबाइल छीन लिया।
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जमीनी विवाद में तहसीलदार के विरुद्ध शिकायत दर्ज

पीड़ित द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर बताया गया है कि,यह घटना मार्टिनगंज के तहसीलदार द्वारा कराई गई है।प्रार्थी की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तहसीलदार राजू कुमार समेत 9 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।इस मामले में डीएम ने तहसीलदार पर कार्रवाई करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए बोर्ड के पास संस्तुति भेजी है डीएम ने बताया कि,जमीनी विवाद को लेकर तहसीलदार के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें तहसीलदार दोषी पाए गए हैं।
बदमाशों की मदद से दी जान से मारने की धमकी

आजमगढ़ दीदारगंज थाना क्षेत्र में ग्राम खरसहन खुर्द के निवासी ओम प्रकाश यादव एक दिन पूर्व जमीनी विवाद के सम्बन्ध में मंडलायुक्त आजमगढ़ से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने आयुक्त से मिलकर तहसीलदार के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई।प्रार्थी का आरोप है कि,तहसीलदार मार्टिनगंज राजू कुमार ने उन्हें जान से मारने के लिए बदमाशों को भेजा जिसमें अनिल यादव उर्फ अप्पू यादव,दीपक यादव उर्फ कोको,चंचल यादव,प्रवीण यादव,पंकज यादव,प्रमोद यादव और दिनेश यादव समेत सभी आरोपियों ने गालियां देते हुए लात-घूसों से मारा और गाड़ी में किडनैप कर ले जाने की कोशिश की।शोर-शराबा मचने पर आसपास के लोग जब बचाने आए तो अनिल यादव ने अपनी रिवाल्वर निकालकर धमकी देते हुए कहा,तहसीलदार से समझौता कर लो नहीं तो जिन्दा नहीं बचोगे।
जमीन बंटवारे आदेश में की 50 हजार रुपये की डिमांड

शिकायत पत्र में प्रार्थी द्वारा बताया गया कि,जमीन बंटवारे आदेश के अनुपालन में मार्टिनगंज तहसीलदार को टीम गठित कर निस्तारण में कब्जा करना था लेकिन निस्तारण के एवज में तहसीलदार द्वारा 50 हजार रुपये की मांग की गई।जिसमें प्रार्थी ने किसी तरह 15 हजार रुपये दे दिये लेकिन तहसीलदार द्वारा और रुपए की मांग की जा रही थी।पैसे देने में असमर्थ वादी तहसीलदार से लगातार गुजारिश करते हुए कई महीनों तक कार्यालय का चक्कर लगाया लेकिन उसकी कहीं नहीं सुनी गई थक हारकर इस मामले को लेकर प्रार्थी जब कमिश्नर के पास गया तो तहसीलदार को यह बात नागवार लगी।