Avoid Kadhi in Sawan: कढ़ी हमारी रसोई में बनने वाली एक ऐसा खाना है जिसे हम बड़े ही चाव से खाते हैं. और वो भी अगर मम्मी के हाथ की हो तो क्या ही बात है। कढ़ी अपने साथ बड़ा ही अच्छा combination रखती है। जो कि कढ़ी और चावल के नाम से जानी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है सावन के महीने में कढ़ी का सेवन नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है?
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सावन के महीने में क्यो नहीं खाना चाहिए कढ़ी…

सावन का महीना मानसून का महीना होता है और इस महीने में डाइजेस्टिव फायर कमजोर होता है। इसके कारण इस महीने में ह्यूमिडिटी और नमी कमजोर होने की वजह से बैक्टीरिया और इंफेक्शंस का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मॉनसून में डाइजेशन काफी स्लो होता है। जिसके कारण हमें हैवी और ऑयली फूड्स से अपने आपको बचाना चाहिए। साथ ही कढ़ी में दही और बेसन होता है जिसे लोगों को Avoid करना चाहिए।
मुख्य कारण?
सावन यानी मानसून के वक्त में हमें दही, बेसन, और मसाले की चीजें नहीं खानी चाहिए।
मानसून में कफ बढ़ाता है…
कढ़ी का मेन इंग्रेडियंट दही होता है जो कि कहीं न कहीं मानसून के वक्त पाचन शक्ति को कमजोर कर देता है और इसी से कोल्ड, कफ, और साइनस जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं
मसाले और तेल करती है परेशान…
कढ़ी में तड़का लगाते वक्त तेल और मसाले का इस्तेमाल किया जाता है उसमें हींग, जीरा, राई use करते है। उसी से कढ़ी में स्वाद आता है पर इससे एसिडिटी, हार्टबर्न और स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं
नमी में बैक्टीरिया की समस्या…
मानसून के समय में ह्यूमिडिटी की वजह से दही में बैक्टीरिया और फंगस जल्दी पनपते हैं। और इस महीने में इसे सही ढंग से न स्टोर किया जाए तो ये हमारी सेहत के लिए समस्या पैदा कर सकता है।