Aurangzeb Row: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने हाल ही में औरंगजेब विवाद और वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस विवाद से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और अपने विचार व्यक्त किए। होसबाले ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के संदर्भ में यह महत्वपूर्ण है कि हम किन व्यक्तित्वों को सम्मानित करते हैं और किसे नायक के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
औरंगजेब को लेकर विवादों का एक लंबा इतिहास

औरंगजेब को लेकर होसबाले ने कहा कि इतिहास में औरंगजेब के योगदान को लेकर विवादों का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने विशेष रूप से दारा शिकोह का उल्लेख किया, जो औरंगजेब का बड़ा भाई था और भारतीय संस्कृति और धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर के रूप में जाना जाता था। होसबाले ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने गंगा-जमुना तहजीब की बात की, उन्होंने कभी दारा शिकोह को नायक बनाने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि औरंगजेब के दौर में भारत की परंपराओं और संस्कृति को भारी क्षति पहुंची थी, और ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रीय नायक बनाना देश की नैतिकता के खिलाफ होगा।
दिया ‘औरंगजेब रोड’ का उदाहरण
इस बात में होसबाले ने दिल्ली के ‘औरंगजेब रोड’ का उदाहरण दिया, जिसे अब ‘अब्दुल कलाम रोड’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने इस बदलाव को उचित बताते हुए कहा कि इसके पीछे एक स्पष्ट कारण था। उनका कहना था कि भारत के लोकाचार और संस्कृति से जुड़ा रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है, और ऐसे व्यक्तित्वों को सम्मानित करना चाहिए जो भारतीय परंपराओं और मूल्यों के अनुरूप हों।

होसबाले ने दी अपनी प्रतिक्रिया
वहीं, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर भी होसबाले ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने वक्फ मामलों के लिए एक आयोग गठित किया है और यह देखना होगा कि आयोग आगे क्या कदम उठाता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अब तक जो कदम उठाए गए हैं, वे सही दिशा में रहे हैं। इस विधेयक को लेकर कोई अंतिम निष्कर्ष निकालने से पहले RSS पूरी स्थिति का अध्ययन करेगा।