Atul Subhash Case:बेंगलुरु में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला (Atul Subhash Case)अब गंभीर विवादों का कारण बन चुका है। 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। अतुल का आरोप था कि उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिससे वह मानसिक और भावनात्मक तनाव का सामना कर रहे थे। इस आत्महत्या के बाद, अतुल के छोटे भाई ने निकिता और उसके परिवार के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया और यह भी दावा किया कि उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की गई थी। साथ ही, उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का भी आरोप लगाया गया।
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मीडिया का निकिता सिंघानिया के घर जाना और रिएक्शन
अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद मीडिया की टीम ने मामले की जानकारी लेने के लिए निकिता सिंघानिया के घर संपर्क करने की कोशिश की। मीडिया कर्मियों ने जब उनसे इस मामले पर प्रतिक्रिया जानने के लिए बात करनी चाही, तो निकिता और उनके परिवार ने बात करने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि वे अपने वकील से परामर्श करने के बाद ही किसी भी तरह का बयान देंगे।
इसके साथ ही, मीडिया कर्मियों को यह धमकी दी गई कि यदि उन्होंने उनसे बात करने की कोशिश की, तो उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाएगा। यह रिएक्शन बहुत ही चौंकाने वाला था, क्योंकि इस तरह के मामलों में आमतौर पर परिवार मीडिया से बातचीत करने के लिए तैयार रहता है, लेकिन यहां स्थिति बिल्कुल उलट थी।
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मुकदमा और उत्पीड़न के आरोप
निकिता सिंघानिया ने 2022 में अतुल सुभाष के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद मामला न्यायालय तक पहुंचा था। अतुल के आत्महत्या करने के बाद, उनके छोटे भाई ने आरोप लगाया कि निकिता और उसके परिवार ने जानबूझकर अतुल को मानसिक रूप से परेशान किया और आत्महत्या के लिए उकसाया। उन्होंने यह भी कहा कि निकिता और उसके परिवार ने उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी।
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विवाह के बाद उत्पीड़न के आरोप
निकिता और अतुल की शादी 26 जून 2019 को हुई थी। विवाह के बाद, निकिता ने आरोप लगाया कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। उसने अदालत में भरण-पोषण के लिए मुकदमा दायर किया था, जिसमें उसने कहा कि उसके ससुरालवाले उससे 10 लाख रुपये की दहेज की मांग करते थे। इसके बाद, निकिता अपने बेटे के साथ मायके लौट आई और अतुल के साथ उसके संबंध बिगड़ गए। अतुल बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था, और निकिता ने अपने और बेटे के लिए भरण-पोषण की मांग की थी।
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कानूनी कार्रवाई
अतुल सुभाष के छोटे भाई ने निकिता और उसके परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कहा कि हर कानून महिलाओं के पक्ष में है, लेकिन पुरुषों के लिए कोई न्याय नहीं है. मेरा भाई सिस्टम से लड़ते-लड़ते हार गया. मैं सरकार और राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाता हूं. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.” पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है. एफआईआर में उल्लेख है कि अतुल के बेटे की कस्टडी उनके माता-पिता को देने की मांग भी नोट में की गई है.