Assam Jumma Break: असम विधानसभा में ब्रिटिशकालीन नमाज ब्रेक पर रोक…

Mona Jha
By Mona Jha
ASSAM ASSEMBLY
ASSAM ASSEMBLY

Assam Jumma Break:असम विधानसभा ने शुक्रवार को चल रहे सत्र के समापन दिवस पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ब्रिटिशकालीन नियम को समाप्त कर दिया। इस नियम के तहत विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए दो घंटे का ब्रेक दिया जाता था। अब से इस परंपरा को समाप्त कर दिया गया है, और शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही अन्य दिनों की तरह ही जारी रहेगी।इस निर्णय की जानकारी देते हुए विधायक विश्वजीत फुकन ने बताया कि यह नियम, जो सैयद सादुल्ला के समय से चला आ रहा था, अब समाप्त कर दिया गया है।

विधायक अमीनुल इस्लाम ने सदन में इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद सदन ने सर्वसम्मति से इसे समाप्त करने का निर्णय लिया। यह नया नियम आगामी विधानसभा सत्र से लागू होगा।ब्रिटिश शासन के दौरान लागू किया गया यह नियम सुबह 11.30 बजे विधानसभा सत्र को रोकने की व्यवस्था प्रदान करता था, ताकि मुस्लिम विधायक जुमे की नमाज अदा कर सकें। अब इस नियम को समाप्त कर दिया गया है, और सदन की कार्यवाही निरंतर चलेगी।

Read more :Jaipur में अजीब किडनैपिंग: 14 महीने बाद बचाए गए बच्चे ने किडनैपर से लिपटकर फूट-फूटकर रोया

मुस्लिम विवाह और तलाक संबंधित विधेयक भी हुआ पारित

गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को असम विधानसभा ने मुसलमानों के विवाह और तलाक के पंजीकरण के कानून को निरस्त करने के लिए भी एक विधेयक पारित किया था. राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और असम निरसन अध्यादेश 2024 को खत्म करने के लिए 22 अगस्त को असम निरसन विधेयक, 2024 को पहली बार पेश किया था.

Read more :जानवर भी नहीं सुरक्षित,रामपुर में बकरी के बच्चे के साथ क्रूरता, आरोपी गिरफ्तार

विवाद और बहस के बाद पारित हुआ विधेयक

विधेयक को विधानसभा में पेश करने के दौरान काफी बहस और चर्चा हुई। विपक्ष ने इसे लेकर कई सवाल उठाए और इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीति करार दिया। हालांकि, बहस के बाद इस विधेयक को आखिरकार पारित कर दिया गया। विधेयक के पक्ष में तर्क देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट किया कि इस कानून के तहत केवल नए विवाहों पर यह प्रावधान लागू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि काज़ियों द्वारा पहले किए गए विवाह पंजीकरण वैध रहेंगे।

Share This Article
Exit mobile version