Ashok Leyland Share Price: भारत में कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड के शेयरों ने वित्तीय वर्ष 2025 की दिसंबर तिमाही के बाद शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने ब्रोकरेज और निवेशकों के बीच उम्मीदें जगाईं क्योंकि आर्थिक चुनौतियों के बावजूद मजबूत मार्जिन देखने को मिले। इसके परिणामस्वरूप, बाजार खुलने के कुछ ही समय बाद अशोक लीलैंड के शेयरों की कीमत 2.59 प्रतिशत बढ़कर 225.30 रुपये तक पहुंच गई।
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कंपनी के मुनाफे में 36% की वृद्धि

कंपनी ने दिसंबर तिमाही के लिए 36% की साल-दर-साल (YoY) वृद्धि के साथ 762 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया। पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 560 करोड़ रुपये था। Q2FY25 में कंपनी ने 706 करोड़ रुपये का मुनाफा पोस्ट किया था, और अब दिसंबर तिमाही में इसने YoY आधार पर 8% की वृद्धि दर्ज की। साथ ही, तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर टॉपलाइन में 7.6% की वृद्धि हुई।
एबिटा में भी वृद्धि
कंपनी ने Q3 FY25 में अपने एबिटा (EBITDA) से पहले की कमाई में 12.8% की वृद्धि के साथ 1,211 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ, जो Q3FY24 में 1,114 करोड़ रुपये था। यह लगातार आठवीं तिमाही है, जब कंपनी ने एबिटा में दोहरे अंकों की वृद्धि हासिल की।
निर्यात में भी वृद्धि

अशोक लीलैंड ने Q3FY25 में 4,151 यूनिट्स गाड़ियों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष इसी तिमाही में 3,128 गाड़ियों के मुकाबले एक बड़ी बढ़ोतरी है। कंपनी के निर्यात आंकड़ों ने भी निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है।
ब्रोकरेज की पॉजिटिव रेटिंग और टारगेट प्राइस में बढ़ोतरी
ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अशोक लीलैंड के शेयरों पर अपनी सकारात्मक राय व्यक्त की है और इसे खरीदने की सिफारिश की है। गोल्डमैन सैक्स ने अशोक लीलैंड के शेयरों का टारगेट 260 रुपये से बढ़ाकर 280 रुपये कर दिया है। यह विश्वास है कि वित्त वर्ष 2026 में बस और LCV पिकअप से कंपनी को लाभ हो सकता है। इसके साथ ही HLFL रिवर्स मर्जर की प्रक्रिया Q1FY26 तक पूरी होने की संभावना है, जो कंपनी के विकास में योगदान दे सकता है।
मैक्वेरी ने दी न्यूट्रल रेटिंग

ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने अशोक लीलैंड पर न्यूट्रल रेटिंग बनाए रखी है और इसका टारगेट 226 रुपये तय किया है। मैक्वेरी ने तिमाही नतीजों को सराहा और कहा कि Q3FY25 के एबिटा मार्जिन ने उनकी उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया। मैक्वेरी का मानना है कि कंपनी के लिए डिमांड आउटलुक सकारात्मक है और आगामी महीनों में सुधार की उम्मीद है। साथ ही, भारत में ई-बस ऑर्डर की मांग और ऑर्डर बुक भी मजबूत बनी हुई है।
आने वाले महीनों में बढ़ सकती है लागत
ब्रोकरेज ने यह भी संकेत दिया है कि जून 2025 से कमर्शियल व्हीकल्स के लिए AC CABIN नियम लागू होने से लागत में बढ़ोतरी हो सकती है, हालांकि इसका असर कंपनी पर भविष्य में हो सकता है।
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