Asaduddin Owaisi on CM Yogi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। ओवैसी ने सीएम योगी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने उर्दू को लेकर टिप्पणी की थी कि उर्दू पढ़ने से लोग साइंटिस्ट नहीं बनते, बल्कि वे कठमुल्ले बनते हैं। ओवैसी ने कहा, “योगी आदित्यनाथ के पूर्वजों में से किसी ने भी आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया। योगी ने खुद उर्दू नहीं पढ़ी, फिर वे साइंटिस्ट क्यों नहीं बने?”
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ओवैसी ने जताया विरोध

ओवैसी ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि यह बयान आरएसएस के विचारधारा को प्रमोट करता है, जहां माना जाता है कि आर्यन्स बाहर से आए हैं और अगर कोई यहां का है तो वह सिर्फ ट्राइबल्स और द्रविड़ियंस ही हैं। ओवैसी ने इस पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि यह मानसिकता देश के एकता और विविधता के खिलाफ है।
सीएम योगी के बयान पर ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ को यह नहीं पता कि उर्दू सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह देश की आज़ादी की आवाज़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) एक ही मजहब, एक भाषा, एक संस्कृति और एक नेता के सिद्धांत पर चल रही है। ओवैसी ने बीजेपी के इस दृष्टिकोण को संकीर्ण और विभाजनकारी बताया।
रमजान में गाजा के लिए दुआ करने का आह्वान

ओवैसी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि रमजान के इस पाक महीने में हमें फलस्तीन और गाजा के लोगों के लिए दुआ करनी चाहिए। उनका कहना था कि इस समय हमें अपनी अंतरात्मा से उन लोगों के लिए दुआ करनी चाहिए जो संघर्ष कर रहे हैं और शांति की उम्मीद लगाए हुए हैं।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने किया भाई की तारीफ

ओवैसी के भाई और हैदराबाद के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी अपने भाई की तारीफ की। अकबरुद्दीन ने कहा, “क्या कोई है जो इस हद तक दूसरों के लिए लड़े, बेबाकी से अपनी बात रखे? चाहे वह सीएए हो, एनआरसी हो, वक्फ बिल हो, या फिर गिरफ्तारियां हों, असदुद्दीन ओवैसी हमेशा उन मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं। वह अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं और कभी भी किसी दुश्मन के सामने झुके नहीं हैं।”
योगी आदित्यनाथ पर ओवैसी का पुराना बयान
इससे पहले भी असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला था। ओवैसी ने कहा था कि भारतीय सरकार खुद अपने नागरिकों को सलाह दे रही है कि वे इज़राइल की यात्रा न करें, लेकिन बीजेपी सरकार की नाकामी यह साबित करती है कि गरीब भारतीयों को इज़राइल जैसे देशों में मजदूरी के लिए जाना पड़ रहा है। ओवैसी ने कहा कि अगर भारत में रोजगार के मौके होते तो कोई इज़राइल क्यों जाता? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ चाहे जितनी इज़राइल की भक्ति कर लें, लेकिन भारत को सबसे ज्यादा रेमिटेंस अभी भी अरब देशों से ही आता है।
सीएम योगी के विचारों पर आपत्ति जताई

असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकता है। जहां एक तरफ उन्होंने योगी आदित्यनाथ के विचारों पर कड़ी आपत्ति जताई, वहीं उन्होंने भारतीय विविधता और उर्दू के महत्व को प्रमुखता से रखा। ओवैसी की आलोचनाओं से यह भी साफ होता है कि वह आने वाले समय में बीजेपी के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करेंगे।