शासन की गाइडलाइनों के अनुसार ताजियादारों ने किया अनुपालन,ऊंचाई में कमी के साथ निकाले गए जुलूस

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Sambhal: संभल में शासन और प्रशासन के मानकों के अनुसार मोहर्रम निकाले गए लेकिन मुजफ्फरपुर और मऊ भूड सहित संभल के बडे़ मोहर्रम अब भी जहां के तहां रखे हुए है.इन ताजिएदारों की मांग है कि प्रशासन इन 10-12 फीट से ऊंचे मोहर्रम को निकालने की इजाजत नहीं देगा तब तक ये यूं ही रखे रहेंगे। संभल में मोहर्रम का जुलूस इस बार शासन की गाइडलाइन के अनुसार निकाला गया जिस तरह से शासन की ओर से आदेश थे कि मोहर्रम में ताजिए की ऊंचाई 10 फीट से ज्यादा ना हो उसी प्रकार लोगों ने ताजिए की ऊंचाई रखी थी.

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प्रशासन की गाइडलाइन का पालन

बताते चले कि ऊंचाई के संबंध में कोतवाली संभल और अन्य थानों में मीटिंग्स भी हुई थी जिसमें उपस्थित लोगों ने प्रशासन शासन के आदेश के अनुसार ही ताजिया निकालने के लिए हाथ उठाए थे जिस प्रकार से शासन प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार मुस्लिम समाज की ओर से ताजिया निकल गए हैं उससे समाज में एक अच्छा संदेश गया है कि मुस्लिम समाज हमेशा शासन प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करता आया है आगे भी इसी प्रकार शासन प्रशासन का सहयोग करता रहेगा. बात करें यदि अन्य धर्म की तो उनसे भी यही अपेक्षा की जाती है कि अपने त्योहारों में किसी को कोई परेशानी न होने देंगे.

कई बार मीटिंग हुई

आपको बता दें संभल कि में पूर्व में काफी ऊंचे ताजिए निकाले जाते रहे हैं किंतु इस बार शासन के आदेश अचानक से आ जाने से ताजियादारों भी पशु पेश में पड़ गए थे कि करें तो क्या करें क्योंकि उनके ताजिए पहले से ही तैयार रखे हुए थे. काफी समय पहले से ही ताजियों को बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाता है. इसी संबंध में किसी संबंध में कई बार मीटिंग का आयोजन भी किया गया था.

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बच्चों की संख्या अधिक बड़ों की संख्या कम दिखाई दी

हालांकि, इस बार बच्चों की संख्या अधिक बड़ों की संख्या कम दिखाई दी. छोटे ताजिए होने से समय से पहले ही ताजिए अपने मार्ग से होते हुए कर्बला की ओर चल दिए. बिजली व्यवस्था की बात करें तो इस बार तार नहीं काटे गए थे. पहले ताजिया ऊंचे होने के चलते शासन की ओर से बिजली के तारों को कटवा दिया जाता था ताकि ताजियों के मार्ग में कोई अवरोध पैदा ना हो. लेकिन इस बार जिस तरह से शासन प्रशासन के आदेश आए और उसका पालन मुस्लिम समाज और ताजियादारो ने किया. इसका एक अच्छा संदेश समाज में गया है जो लोग यह कहते हैं कि मुस्लिम समाज शासन का सहयोग नहीं करता उनके लिए भी यह मैसेज है की हर बार मुस्लिम समाज में शासन की गाइडलाइन का पालन किया है.

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