प्रधानमंत्री की सुरक्षा संभालने वाले अरुण कुमार सिन्हा का निधन…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के प्रमुख अरुण कुमार सिन्हा का बुधवार निधन हो गया। अरुण कुमार सिन्हा 1988 के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। हाल ही में उन्हें एक साल का एक्सटेंशन दिया गया था। बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हीं के पास थी।

AK Sinha Passes Away: देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (SPG) के डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा का बुधवार निधन हो गया। अरुण सिन्हा करीब एक साल से कैंसर से लड़ रहे थे। 4 सितंबर को अचानक उन्हें लीवर में दिक्कत हुई तो दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया। बुधवार को 61 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। बता दें कि अरुण कुमार सिन्हा 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। हाल में एके सिन्हा को बतौर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG के डायरेक्टर के कार्यकाल में एक वर्ष का एक्सटेंशन भी दिया गया था। सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी दी गई थी।

कई अहम पदों पर रहे…

अरुण कुमार सिन्हा ने अपनी पढ़ाई झारखंड से की थी। अपने करियर में वे कई बड़े पदों पर रहे हैं। सिन्हा ने केरल में ही विभिन्न पदों और रैंक पर काम किया। उन्होंने केरल पुलिस के डीसीपी कमिश्नर, इंटेलिजेंस आईजी और तिरुवनंतपुरम आईजी के पद पर काम किया। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें अपने पद पर एक्टेंशन भी मिला था।

2016 से संभाल रहे थे SPG की कमान…

अरुण सिन्हा वर्ष 2016 से ही एसपीजी की कमान बतौर निदेशक संभाल रहे थे. बता दें कि एसपीजी का प्रमुख काम प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा का होता है। एसपीजी का गठन 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निधन के बाद किया गया था। 1988 में एसपीजी एक्ट पारित किया गया। मौजूदा समय में सिन्हा पीएम मोदी की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी देख रहे थे।

राष्ट्रपति के हत्यारे को पकड़ा…

अरुण कुमार सिन्हा ने एक देश के राष्ट्रपति की हत्या के केस को भी सुलझाया था। दरअसल, उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम की हत्या का केस सुलझाया। केस के एक मुख्य आरोपी को अरुण सिन्हा ने ही दिल्ली में धर-दबोचा था। उस वक्त सिन्हा केरल के कानून और व्यवस्था प्रभारी के पद पर थे।

इंदिरा की हत्या के बाद हुआ था एसपीजी का गठन…

31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी। इसके बाद 1988 में संसद में एसपीजी एक्ट पारित किया गया और एसपीजी का गठन हुआ। उस समय भी मौजूदा प्रधानमंत्री को ही सुरक्षा देने का प्रावधान था। पूर्व प्रधानमंत्रियों को नहीं, यही वजह थी कि 1989 में वीपी सिंह की सरकार ने राजीव गांधी का एसपीजी कवर हटा दिया था। 1991 में राजीव गांधी की भी हत्या हो गई। इसके बाद एसपीजी कानून में संशोधन हुआ। प्रावधान किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को पद से हटने के 10 साल बाद तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।

झारखंड से की पढ़ाई…

बता दें कि एके सिन्हा की पढ़ाई झारखंड राज्य से हुई थी। यहां से वे बतौर आईपीएस केरल पुलिस में पदस्थ हुए। यहां उन्होंने डीसीपी से लेकर कमिश्नर, आईजी और इंटेलिजेंस के अलावा एडमिनिस्ट्रेशन में भी उच्च पदों पर काम किया।

पीएम को मिली धमकियों का मामला भी सुलझाया…

अरुण कुमार सिन्हा ने ही प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति को ईमेल से जरिए मिलने वाली धमकियों के केस को सुलझाया था। सिन्हा ने ही राज्य में क्राइम स्टॉपर प्रणाली की नींव रखी थी। उनकी सेवा को और सरहानीय कामों को देखते हुए कई पदकों और पुरस्कार मिले हैं।

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