Tech कंपनियों ने लोकसभा चुनाव से पहले कसी कमर,AI कंटेंट पर लगाम कसने की तैयारी

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Deep Fakes: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक (Deep Fakes) ने डिजिटल वर्ल्ड में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया है. या फिर यूं कहे कि अभी भी कर रही है. बॉलीबुड से लगातार बिजनेस जगत की कई मशहूर हस्तियां डीपफेक का शिकार हो चुकी है. आगामी चुनाव में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इसका असर पड़ सकता है. यही वजह है कि अभी से बड़ी टेक कंपनियों ने अपनी कमर कस ली है, जिससे कि किसी भी तरह का कोई दुरुपयोग न हो सके.

टेक कंपनियों ने ये बड़ा फैसला लिया

बता दे कि ये बड़ी कंपनियां आगामी चुनाव में किसी भी तरह का कोई दुरुउपयोग न हो, इसके लिए अभी से ही तैयारियां शुरु कर दी है. ये कंपिनयां एक साथ मिलकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तकनीक के असर से निष्पक्ष रखने के लिए काम करेंगी. इस साल लगभग 50 देशों में चुनाव होने है. दुनिया की कुल आबादी का बड़ हिस्सा इस साल अपनी सरकार चुनेगा. ऐसे में किसी भी तरह की एआई के जरिए कोई दुरुउपयोग या निष्पक्षता न हो पाएं, इसके लिए टेक कंपनियों ने ये बड़ा फैसला लिया है.

ऑडियो और फोटो को लेकर चिंता जताई

बताते चले कि इस समझौते की घोषणा म्यूनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस के दौरान की गई. बताया गया कि एडोबी, अमेजन, गूगल, आईबीएम, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, ओपन एआई, टिकटॉक और एक्स मिलकर ऐसे कंटेंट को रोकेंगी. एआई का इस्तेमाल चुनावों को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सकेगा. कांफ्रेंस में एआई से बने डीपफेक वीडियो, ऑडियो और फोटो को लेकर चिंता जताई गई. इसकी मदद से वोटरों को प्रभावित किया जा सकता है.

वोटर समझ ही नहीं पाएंगे कि यह कंटेंट असली है या नकली. यह समझौता राजनीती में एआई के दुरूपयोग के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है. इस समझौते में चैटबॉट डेवलप करने वाली कंपनी एंथ्रोपिक (Anthropic) एवं इंफ्लेक्शन एआई (Inflection AI), वॉइस क्लोन स्टार्टअप एलेवेन लैब्स (ElevenLabs), चिप डिजायनर आर्म होल्डिंग्स (Arm Holdings), सिक्योरिटी कंपनी मैकेफी (McAfee) और ट्रेंड माइक्रो (TrendMicro) भी शामिल हुई हैं.

ग्लोबल अफेयर्स प्रेसिडेंट निक क्लेग ने कहा

वहीं मेटा के ग्लोबल अफेयर्स प्रेसिडेंट निक क्लेग ने कहा कि एआई से पैदा हो रही चुनौतियों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. कोई एक टेक कंपनी, सरकार या सिविल सोसाइटी आर्गेनाईजेशन इससे जंग नहीं लड़ सकता. इसलिए जरूरी है कि सभी मिलकर काम करें. बड़ी कंपनियों के साथ आने से हमें एआई के गलत इस्तेमाल और डीपफेक से निपटने में मदद मिलेगी. हम सभी फ्री एंड फेयर चुनाव चाहते हैं.

Share This Article
Exit mobile version