Anupriya Patel ने ओबीसी-एसटी आरक्षण पर उठाए सवाल, क्या सता रही कुर्मी वोट बैंक की चिंता?

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Anupriya Patel

Anupriya Patel News: अपना दल (Apna Dal) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ( Anupriya Patel) ने ओबीसी और एसटी के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती को लेकर सवाल उठाए हैं, जो कि राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। इसके पीछे कुर्मी वोट बैंक के खिसकने की चिंता को एक बड़ी वजह माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट पर अनुप्रिया को कड़ी मशक्कत के बाद जीत मिली थी, जबकि राबर्टगंज की सीट उनके हाथ से फिसल गयी थी। उनके द्वारा एक दर्जन से अधिक सीटों पर कुर्मी जाति का प्रभाव होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अधिकांश सीटों पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा है। परिणामस्वरूप, भाजपा में अपनी साख बचाने को लेकर अनुप्रिया परेशान थीं।

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भाजपा में असमंजसता का माहौल

हालांकि कुर्मी बहुल सीटों पर हार के बावजूद भी भाजपा नेतृत्व ने अनुप्रिया ( Anupriya Patel) को केंद्र में फिर से मंत्री बनाया और उन्हें वही अहमियत दी गयी। इसके बावजूद अनुप्रिया द्वारा ओबीसी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती पर सवाल उठाना भाजपा के लिए हैरानी का सबब बन गया है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा (BJP) खेमा भी अब अनुप्रिया द्वारा पत्र लिखने के पीछे की वजहों की तलाश में जुट गया है। दरअसल, भाजपा में चर्चा है कि अनुप्रिया ने यह कदम अचानक ही नहीं उठाया है, इसके पीछे कोई न कोई वजह जरूर है।

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बिरादरी पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश

अनुप्रिया ( Anupriya Patel) के इस कदम को अपनी बिरादरी पर कमजोर होती पकड़ को फिर से मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर इसे दबाव की राजनीति के तौर पर भी देखा जा सकता है। चुनाव परिणाम में कुर्मी वोट बैंक के खिसकने के बाद अनुप्रिया को यह चिंता सताने लगी थी कि अगर एक बार वोट बैंक खिसका तो उसे दुबारा वापस पाना पार्टी के लिए कड़ी चुनौती होगी।

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प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार की आहट

माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में जीतने वाले दो मंत्रियों के स्थान पर प्रदेश मंत्रिमंडल में होने वाले विस्तार और एमएलसी के रिक्त पदों पर चुनाव को देखते हुए ही अनुप्रिया ने यह कदम उठाया है। जिससे प्रदेश सरकार पर दबाव बनाया जा सके। हाल में ही सपा सांसद और कुर्मी चेहरा लालजी वर्मा ने एसजीपीजीआई की भर्ती में ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। इससे अनुप्रिया पर भी दबाव बढ़ गया। उन्हें लगा कि कहीं इस मुद्दे के जरिए लालजी वर्मा कुर्मी बिरादरी में उनके लिए मुश्किल न खड़ी कर दें।

भर्ती आयोग की नियमावली के आधार पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने सरकार की ओर से अनुप्रिया के पत्र का जवाब भेजकर स्थिति को साफ कर दिया है। फिर भी उनके इस सियासी पैंतरे को लेकर चर्चा थम नहीं रही है। माना जा रहा है कि बिना सही तथ्यों के ऐसा मुद्दा उठाना अनुप्रिया की बड़ी सियासी चूक हो सकती है।

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